छठ महापर्व को एनडीए सरकार ने बनाया स्टेट इवेंट : सुशील मोदी
पटना : महापर्व छठ की शुरुआत से पहले उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजधानी के गांधी घाट से शुरू कर आधा दर्जन घाटों की सुरक्षा, बैरिकेडिंग, प्रकाश व्यवस्था, महिलाओं के लिए चैंजिंग इनक्लोजर और पहुंच पथ आदि की व्यवस्था का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों को सारी सुविधाओं को फूलप्रूफ बनाने के निर्देश दिया […]
पटना : महापर्व छठ की शुरुआत से पहले उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजधानी के गांधी घाट से शुरू कर आधा दर्जन घाटों की सुरक्षा, बैरिकेडिंग, प्रकाश व्यवस्था, महिलाओं के लिए चैंजिंग इनक्लोजर और पहुंच पथ आदि की व्यवस्था का निरीक्षण करने के बाद अधिकारियों को सारी सुविधाओं को फूलप्रूफ बनाने के निर्देश दिया है.
सुशील मोदी के अनुसार इस साल छठ घाटों पर डाॅक्टरों की 120 टीमें तैनात रहेंगी और उनकी सहायता के लिए 211 पारा मेडिकल स्टाफ और 33 एंबुलेंस को लगाया जायेगा. पर्व के दौरान किसी तरह की अफवाह न फैले, इसलिए सही जानकारी के लिए सूचना तंत्र को हाईटेक करते हुए मोबाइल ऐप जारी किये गये हैं.जीपीआरएस नेविगेशन सिस्टम से भी जानकारी प्राप्त की जा सकेगी. पूजन-सामग्री से कचरा न फैले, इसके लिए स्थान तय किये गये हैं. दमकलों को हर वक्त तैयार रहने को कहा गया है.
उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने कहा कि बिहार की सांस्कृतिक पहचान से जुड़े छठ पर्व की सारी व्यवस्था प्रकाश पर्व के उच्चतम मानक पर की जायेगी. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए शहर के 23 तालाबों को अर्घ्यदान के लिए उपयुक्त बनाया जा रहा है. अर्घ्यदान के दौरान होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए वाटर एंबुलेंस, एनडीआरएफ औरएसडीआरएफ की टीमें तैयार रहेंगी. 200 नावें रिवर पेट्रोलिंग में लगायी जा रही हैं.
डिप्टी सीएम ने बताया कि 2005 में एनडीए सरकार से पहले जहां पटना के छठ घाटों की व्यवस्था मात्र 20 लाख रुपये के बजट का प्रावधान कर नगर निगम के हवाले छोड़ दी जाती थीं, ठेकेदारों को वर्षों तक भुगतान नहीं किया जाता था और स्वयंसेवी पूजा समितियों के सीमित साधन के भरोसे लोग छठ करते थे, वहीं अब छठ पर्व को एनडीए सरकार ने स्टेट-इवेंट की तरह गंभीरता से लिया है.
सुशील मोदी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि बांस घाट पर, जहां गंगा नदी मूल तट से 2 किलोमीटर दूर चली गयी हैं, वहां पहुंच पथ को और सुगम बनाया जाये. घाट निरीक्षण के समय स्थानीय विधायक नितिन नवीन, नगर निगम आयुक्त अभिषेक कुमार, जिलाधिकारी संजय अग्रवाल और वुडको के प्रबंध निदेशक अमरेंद्र कुमार भी उपमुख्यमंत्री के साथ थे. वहीं बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता व भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने भी गंगा घाटों का निरीक्षण किया.
14 घाट खतरनाक घोषित
जिला प्रशासन ने रविवार को पटना सदर अनुमंडल व पटना सिटी अनुमंडल अंतर्गत खतरनाक घाटों को चिह्नित कर सूची जारी की है. इस सूची में 14 गंगा घाट खतरनाक घोषित किये गये हैं. इनमें खाजेकलां घाट, केशव राय घाट, मिरचाई घाट, अदरख घाट, गड़ेरिया घाट, पिरदमरिया घाट, नंदगोला घाट, नुरुद्दीनगंज घाट, महावीर घाट, शिव घाट, नया पंचमुखी चौराहा घाट, नया मंदिर घाट समेत फतुहा के दो घाटों त्रिवेणी घाट और कटैया घाट-सीढ़ी घाट शामिल हैं. खतरनाक सूची में शामिल इन घाटों पर जानेवाले रास्ते को ब्लॉक कर मजबूत बैरिकेडिंग की जायेगी, ताकि उस घाट पर कहीं से कोई श्रद्धालु पूजा करने नहीं पहुंच पाये.
गांधी घाट से कुर्जी घाट तक रोशन हुए गंगा घाट
छठ पर्व को लेकर तैयारी अंतिम चरण में है. बुडको की ओर से बनाने जा रहे घाटों में गांधी घाट से लेकर कुर्जी घाट तक स्ट्रीट लाइटों की रोशनी से इलाका रोशन हो गया है. साथ ही तैयार हो चुके गंगा घाट जहाज घाट, एलसीटी, कुर्जी घाट पर पर कनात लगा कर घेरा गया है. जेपी पुल की दाई ओर रेलवे की खाली जमीन को पार्किंग स्थल बनाया गया है. यहां 500 से अधिक गाड़ियां पार्क की जा सकेंगी. पार्किंग को कंट्रोल करने के लिए एनसीसी कैडेट और स्थानीय स्वयंसेवक तैनात रहेंगे.
वर्ष 2012 में अफवाह से हुई भगदड़ में चली गयी थीं 18 जानें
आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि छठ पर्व के दौरान भीड़ काफी होती है. असामाजिक तत्वों के भी भीड़ को निशाने पर लेने की आशंका बनी रहती है. छठ पर्व का प्रबंधन प्रशासन के साथ-साथ आयोजकों के लिए भी चुनौतीपूर्ण होता है. मालूम हो कि अफवाह के कारण वर्ष 2012 में छठ पर्व में अदालतगंज घाट पर भगदड़ मच जाने से 18 लोगों की मौत हो गयी थी. ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए छठ घाटों पर हर तरह के आपदा से निबटने की तैयारी की जा रही है.