डॉ जान का खेल: 10 से 12 लाख में करता था नामांकन
पटना : डॉ जान मेहता खुद की सेटिंग ही नहीं बल्कि दूसरे मेडिकल छात्रों के लिए भी बड़े सेटर की भूमिका अदा करता था. पीएमसीएच में नेता के तौर पर अपनी पहचान बना चुके डॉ जान की सेटिंग बिहार के दूसरे मेडिकल कॉलेज जैसे दरभंगा, गया, भागलपुर, मुजफ्फरपुर में सेटिंग करता था.
इतना ही नहीं पीएमसीएच के जानकारों की मानें, तो व्यापम घोटाले में भी डॉ जान मेहता का बड़ा हाथ था. इसके अलावा महंगी गाड़ियों में चलना, लड़कियों का शौक रखना और अपनी करीबी दोस्तों को महंगी पार्टी देना डॉ मेहता की दिनचर्या थी. इस बात का खुलासा उसके साथ पढ़े एमबीबीएस व पीजी के छात्र भी किये हैं.
नोएडा में बनाया था अपना ऑफिस : डॉ जान अपना हेड ऑफिस नोएडा में बनाया है. नोएडा के एक सेक्टर में उसका बड़ा ऑफिस है. वहां उसके गैंग के सदस्य एमबीबीएस व पीजी में एडमिशन के लिए लोगों को लालच देते थे. करीबी दोस्तों की माने तो मेडिकल में एडमिशन के नाम पर 10 से 12 लाख रुपये तक की रकम वसूलने की बात सामने आ रही है.
पीएमसीएच में डॉ राजीव के नाम से जाना जाता था : पीएमसीएच में नाम बदल कर वह अपने दोस्तों के बीच रहता था. हरियाणा, एमपी आदि कुछ राज्यों की पुलिस भी कंफ्यूज हो जाती थी. यहां तक की पीएमसीएच में डॉ जन मेहता को डॉ राजीव रंजन के नाम से बाकी मेडिकल छात्र समझते थे.
पकड़े जाने के बाद जब नाम का खुलासा हुआ तो कई करीबी छात्र भी सोचने पर मजबूर हो गये हैं. मजे की बात तो यह है कि डॉ जन जिस समय पीएमसीएच में एमबीबीएस की पढ़ाई करता था उस समय भी नकल करते हुए पकड़ा गया है. इस बात का खुलासा पीएमसीएच प्रशासन भी कर चुका है. रेडियोलॉजिस्ट विभाग में भले वह पीजी की पढ़ाई करता था, लेकिन विभाग से नाता नहीं था. महीने में चार-पांच बार दिल्ली आना जाना होता था.
पटना : नीट व अन्य प्रतियोगिता परीक्षाओं में सेटिंग करने के मामले में डॉ जान मेहता के बाद पीएमसीएच, एनएमसीएच व अन्य मेडिकल कॉलेजों के कई और जूनियर डॉक्टरों की गर्दन फंस सकती है.
दिल्ली क्राइम ब्रांच की पुलिस कई पीजी छात्रों के शैक्षणिक दस्तावेज व अन्य कागजातों को पीएमसीएच के प्रिंसिपल कार्यालय से जब्त कर ले गयी है. इसके साथ ही पुलिस ने पीएमसीएच के पीजी हॉस्टल के कमरे में छानबीन कर वहां से भी कई तरह के दस्तावेज बरामद किये हैं.
आवासीय पता निकला फर्जी : पुलिस ने डॉ मेहता के आवासीय पता के साथ ही अन्य दस्तावेज भी जब्त किये हैं. आवासीय पते में उसने बहादुरपुर का जो पता दे रखा है, उसकी जांच के लिए दिल्ली क्राइम ब्रांच व पटना पुलिस की टीम उक्त पते पर पहुंची तो वहां इस नाम का कोई व्यक्ति नहीं था.
पुलिस मे शक जताया कि उसने आवासीय पते के साथ ही अन्य दस्तावेज भी फर्जी बनवा रखे थे. पुलिस को कुछ ऐसे दस्तावेज भी हाथ लगे हैं, जिसमें उसका नाम राजीव रंजन है.
खुद भी फर्जी तरीके से हुआ था पास : 2016 में हुए नीट की परीक्षा में सेटिंग करने के मामले में डॉ जन मेहता भी सेटिंग से ही पास हुआ था.
इसके साथ ही सात और छात्र भी सेटिंग से पास हुए थे. मामले को लेकर डॉ जन मेहता समेत आठ के खिलाफ दिल्ली क्राइम ब्रांच में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी और फिर सभी का गिरफ्तारी वारंट न्यायालय से लेकर छापेमारी की गयी.