दहेज प्रथा और बाल विवाह : एक नवंबर से शुरू होगा ग्राम पंचायत स्तर पर काम
पटना : दहेज प्रथा और बाल विवाह जैसी सामाजिक कुरीतियों को जड़ से खत्म करने का बीड़ा सरकार ने उठाया है. इसको प्रदेशव्यापी अभियान के रूप में लिया गया है.
सरकार कहीं कोई कमी नहीं छोड़ना चाहती है. इसलिए
आधा दर्जन से अधिक विभागों को बाकायदा अलग-अलग जिम्मेदारियां दे दी गयी हैं. यह बात सब जानते हैं कि कार्रवाई से अधिक जागरूकता इसमें काम आयेगी. इसलिए सरकार भी जागरूकता को लेकर गंभीर है. जागरूकता और प्रचार-प्रसार के लिए अलग-अलग माध्यम चुने गये हैं. इसी क्रम में तय यह हुआ है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में कम से कम दो नुक्कड़ नाटक किये जायेंगे. नाटक के माध्यम से दहेज प्रथा और बाल विवाह की खामियां गिनायी जायेंगी.
सरकार ने जन जागरूकता वाले कार्यक्रमों का खाका पहले ही खींच लिया है. पहली नवंबर से नुक्कड़ नाटक की शुरुआत होगी. कला जत्था के माध्यम से यह सब संभव हो पायेगा. करीब 17000 नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत करने की योजना है.
नाटक के माध्यम से दहेज प्रथा और बाल विवाह पर चोट किया जायेगा. दूसरी ओर, राज्य स्तर पर प्रशिक्षण का दौर भी शुरू होगा. तय हुआ था कि छठ पूजा के बाद प्रशिक्षण प्रारंभ करा दिया जायेगा.
महादलित टोलों में भी दी थी दस्तक
दहेज मिटायें, खुशहाली का दीप जलायें नारे के साथ प्रशासन प्रदेश के तमाम दलित टोलों में दीपावली मनाने पहुंचा था. बाकायदा सात किलोग्राम मिठाइयां भी बांटी गयी थीं. दहेज प्रथा और बाल विवाह के प्रति दलित समाज के लोगों को जागरूक किया गया था.