पटना :इलाज सरकारी में, जांच प्राइवेट में

पटना : शहर के अधिकतर सरकारी अस्पतालों में लिवर, ब्लड, किडनी व अन्य प्रकार की जांच के लिए मरीजों को ठगने का मामला सामने आ रहा है. अस्पताल के कुछ कर्मचारियों के सहयोग से दलाल सक्रिय हैं. इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अस्पतालों में जांच सुविधाएं ठप होने का है. सूबे के सबसे बड़े सरकारी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2017 8:49 AM
पटना : शहर के अधिकतर सरकारी अस्पतालों में लिवर, ब्लड, किडनी व अन्य प्रकार की जांच के लिए मरीजों को ठगने का मामला सामने आ रहा है. अस्पताल के कुछ कर्मचारियों के सहयोग से दलाल सक्रिय हैं.
इसके पीछे सबसे बड़ा कारण अस्पतालों में जांच सुविधाएं ठप होने का है. सूबे के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पीएमसीएच हो या फिर आईजीआईएमएस दोनों ही जगह दर्जनों ऐसे उपकरण खराब हैं, जिससे जांच बंद हो गयी हैं. दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग के कई ऐसे प्रस्ताव हैं, जो अभी तक कागजों में चलरही हैं और उसे लागू नहीं किया गया. नतीजन मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
बंद है टीएमटी जांच मशीन
पीएमसीएच के टीबी व चेस्ट विभाग के बगल में बंद पड़े कमरे में रखी टीएमटी (ट्रेड मिल टेस्ट) मशीन एक साल पहले ही पीएमसीएच में लायी गयी. लेकिन, इसे चालू नहीं किया जा सका. जबकि, इससे मरीज को दौड़ा या चला कर दिल की नसों पर पड़नेवाले जोर को कंप्यूटर पर देख कर रिपोर्ट बनायी जाती है.
बैक्टेक मशीन खराब
बैक्टीरियल ऑर्गन जांच के लिए इस्तेमाल की जानेवाली लेटेस्ट बैक्टेक मशीन चार साल से खराब है. ऐसे में यूरिन, ब्लड कल्चर व छाती की जांच के लिए प्राइवेट लैब में जाकर 2500 से 3500 रुपये खर्च कराने पड़ रहे हैं. रिपोर्ट के लिए मरीजों को सात दिन बाद बुलाया जा रहा है.
बजट का पेंच
पीएमसीएच में अलग से बुजुर्गों का अस्पताल, कैंसर जांच को लेकर कोबॉल्ट मशीन, रैन बसेरा, सुपर स्पेशियिलिटी वार्ड, बच्चा वार्ड में लिफ्ट, किडनी ट्रांसप्लांट, कॉकलियर इंप्लांट आदि कई ऐसे प्रस्ताव हैं, जो स्वास्थ्य विभाग से पास हो चुके हैं. लेकिन, अभी तक यह धरातल पर नहीं उतरी हैं. इसके पीछे स्वास्थ्य विभाग और अस्पताल प्रशासन के बीच बजट का मामला फंसा हुआ है.
– डायलिसिस व स्कीन मशीन से जांच बंद : 11 किडनी डायलिसिस मशीनें हैं. लेकिन, 4 मशीनें हैं, जो काम कर रही है. किसी में पानी नहीं है तो किसी की लाइट, स्लाइड और दूसरे पॉर्टस खराब हैं. इसके अलावा स्कीन विभाग में तीन मशीनें खराब हैं.
– आईजीआईएमएस में 35 तरह की जांच बंद : आईजीआईएमएस में ऑटो एनालाइजर मशीन तीन दिनों से खराब है. इससे जांच बंद है. ऐसे में मरीजों के किडनी, लिवर, लिपिक प्रोफाइल आदि 35 तरह की जांच बंद हो गयी है.
– प्रस्ताव जो कागजों में फांक रही धूल : पीएमसीएच, आईजीआईएमएस, गार्डिनर रोड व राजेंद्र नगर नेत्रालय अस्पताल में दर्जनों ऐसे प्रस्ताव बनाये गये हैं, जो अभी तक लागू नहीं हो पाया है.
– आईजीआईएमएस : रीजनल आइ सेंटर, स्टेम सेल थेरेपी, नया कोबॉल्ट मशीन, इमरजेंसी के लिए डॉक्टरों की बहाली, इंडोस्कोपी, डेंटल सर्जरी, फुल एसी का इमरजेंसी आदि कई ऐसे प्रस्ताव हैं, जो केंद्र व राज्य ने पास कर दिया है. लेकिन, यह सुविधा अस्पताल को नहीं मिल पायी है.
पीएमसीएच में मशीनों की जांच के लिए बायोमीट्रिक इंजीनियर की नियुक्ति की गयी है. स्कीन सहित बाकी के विभाग की मशीनों की जांच करायी जायेगी.
कुछ तकनीकी खराबी की वजह से यह ऑटो एनालाइजर मशीन खराब हो गयी है. जो पार्ट खराब है, वह कोलकाता से लाया जायेगा.
पीएमसीएच : किडनी व लिवर जांच बंद
पीएमसीएच के इमरजेंसी विभाग में लिवर, किडनी, हिमोग्लोबिन, प्रोटीन, यूरिया आदि कई जांच बंद हैं. यह समस्या मशीनों में गड़बड़ी और कुछ में री-एजेंट केमिकल नहीं होने के कारण हुई है. इमरजेंसी में लगी सी-ट्रिपल वन मशीन पिछले चार माह से बंद है.

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