पटना : बिहार कैबिनेट की बैठक मेंआज कुल 30 एजेंडों पर मुहर लगायी गयी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में शनिवार को संपन्न कैबिनेट की बैठक में भूदान यज्ञ समिति के कामकाज की जांच के लिए एक उच्चस्तरीय आयोग के गठन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गयी है.उच्चस्तरीय जांच आयोग भूदान यज्ञ अधिनियम, 1954 के तहत दान स्वरूप मिली जमीन के प्रबंधन एवं वितरण में बिहार भूदान यज्ञ समिति द्वारा की गयी अनियमितताओं की जांचकरेगा.
अनियमितताओं की जांच के लिए4 सदस्यीय आयोग गठित
राज्य सरकार भूदान में मिली जमीन को बांटने में हुई गड़बड़ी की जांच के लिए अवकाशप्राप्त भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है. इसमें दो सदस्य बिहार प्रशासनिक सेवा के संयुक्त सचिव या उससे ऊपर के अवकाश प्राप्त अधिकारी होंगे. अध्यक्ष व दो सदस्यों की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जायेगी. जांच आयोग के संयोजक बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारी अथवा बिहार सचिवालय सेवा के अवर सचिव स्तर के कार्यरत पदाधिकारी होंगे जिनकी प्रतिनियुक्ति राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा की जायेगी. इसका कार्यकाल दो वर्षों के लिए निर्धारित किया गया है. इसका मुख्यालय पटना में होगा.
आयोग की जिम्मेवारी
आयोग की जिम्मेवारी है कि वह बिहार भूदान यज्ञ समिति को आगे कार्यरत रखने का औचित्य तथा समिति भंग किये जाने की स्थिति में भूदान से प्राप्त भूमि के रख रखाव एवं रेगूलेशन के लिए वैकल्पिक व्यवस्था के संबंध में सुझाव दे. कैबिनेट के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने कैबिनेट की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस में बताया कि जांच आयोग का विषय भूदान यज्ञ अधिनियम 1954 के तहत दान स्वरूप प्राप्त जमीन के प्रबंधन एवं वितरण में बिहार भूदान यज्ञ समिति द्वारा बरती गयी अनियमितताएं शामिल हैं.
जांच के विषय
आयोग के जांच के विषय में भूदान यज्ञ समिति को दान से प्राप्त भूमि, उसकी स्थिति, क्या जमीन वितरित हुआ अथवा नहीं और यदि वितरित नहीं हुआ है तो वर्तमान में उसकी स्थिति की जांच, दान पत्रों की संपुष्टि की स्थिति एवं संपुष्टि नहीं होने के कारणों की जांच करना.
– क्या भूदान भूमि का वितरण बिहार भूदान यज्ञ अधिनियम 1954 के प्रावधानों तथा इससे संबंधित नियमों के अनुसार हुआ है?
– भूदान यज्ञ समिति द्वारा वितरित भूमि पर प्रमाण पत्र धारकों का दखल कब्जा की स्थिति क्या है?
-क्या भूमिहीन व्यक्तियों एवं अन्य को आवंटित भूमि का आवंटन बिहार भूदान यज्ञ समिति द्वारा बिना संबंधित राजस्व पदाधिकारी का पूर्वानुमोदन प्राप्त किये अपने स्तर से रद्द कर दिया गया तथा ऐसी भूमि के पुनर्वितरण में स्थापित प्रावधानों का अनुसरण किया गया है?
– दान पत्रों के संपुष्टि कराये बिना भूदान यज्ञ समिति द्वारा सरकारी भूमि के वितरण तथा इससे उत्पन्न विवादों की स्थित क्या है?
– आयोग जांच कार्य के लिए सरकारी विभागों विभागों के मुख्यालयों एवं क्षेत्रीय कार्यालयों अथवा अन्य किसी संस्था की सहायता ले सकती है.
मालूम हो कि भूधारियों द्वारा 1951 में जमीन दान का काम शुरू किया गया. इसके तहत राज्य भर में छह लाख 48 हजार 593.14 एकड़ जमीन दान में प्राप्त हुआ. कुल भूमि में से अब तक समिति द्वारा दो लाख 56 हजार 658.94 एकड़ भूमि वितरित की गयी. अभी 5749.73 एकड़ भूमि का वितरण शेष है. दान में प्राप्त 3866184.47 एकड़ भूमि वितरण के अयोग्य बतलायी गयी है.