पटना : राजधानी सहित पूरे प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल रहा है. भले ही अभी ठंड की शुरुआत नहीं हुई है, लेकिन सुबह शाम कुहासा से मौसम में नमी रह रही है. न्यूनतम तापमान में गिरावट आने से रात में हल्की ठंड लग रही है. हालांकि अधिकतम तापमान में कोई विशेष कमी नहीं आ रही है. दिन में अच्छी धूप निकल रही है. इस कारण अभी ठंड के लिए अनुकूल मौसम नहीं बना है.
अनिसाबाद स्थित मौसम केंद्र के अनुसार अभी दो सप्ताह तक मौसम में उतार-चढ़ाव होगा. आसमान साफ होने से कुहासे का प्रभाव कम हो सकता है. वहीं राज्य में कहीं कहीं हल्की बारिश हो सकती है. 15 नवंबर के बाद से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के बाद ठंडक शुरू होगी.
राज्य में यूपी व नेपाल के रास्ते हिमालय से आती हैं सर्द हवाएं : राज्य में ठंडक के लिए जिम्मेदार ठंडी हवाएं हिमालय से पश्चिमी विक्षोभ के कारण आती हैं. जो राज्य में उत्तर की ओर से आती हैं. मौसम केंद्र के अनुसार हिमालय के उत्तर की ओर पश्चिमी विक्षोभ डेवलप हो रहा है. इसको तैयार होने में अभी एक सप्ताह का समय लगेगा. इस कारण दो सप्ताह के बाद ही सूबे के मौसम में परिवर्तन हो सकता है. हालांकि शनिवार को गया में न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस होने के कारण हल्की सर्दी
महसूस की गयी.
एक डिग्री गिरा पारा
राजधानी में शुक्रवार के मुकाबले तापमान में एक डिग्री की गिरावट दर्ज की गयी. शुक्रवार को जहां अधिकतम तापमान 32.4 डिग्री था वहीं शनिवार को 31.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया. वहीं न्यूनतम तापमान 20.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया.
हल्की ठंडक में बच्चे और वृद्धों का रखें विशेष ख्याल
पटना. हल्की ठंडक व कुहासा की शुरुआत होने के बाद बच्चों व वृद्धों को विशेष ख्याल रखने की जरूरत हैं. न्यू गार्डिनर रोड अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर मनोज कुमार सिन्हा बताते हैं कि कुहासा में कई तरह से प्रदूषण होते हैं. वहीं हल्की ठंडक का आभास भी शरीर को नहीं होता, लेकिन दोनों बातें लोगों के नुकसानदायक हो जाती हैं. जिन लोगों को सांस की समस्या है, इस समय उनको विशेष सतर्कता बरतने की जरूरत होती हैं. निमोनिया के शिकार बच्चों को भी बचाने की जरूरत होती है. इस लिए इन बातों का विशेष ख्याल रखना होगा.
कुहासा खत्म होने के बाद ही वृद्ध टहलने के लिए निकले.
- सुबह गर्म कपड़े पहन कर ही निकलें.
- मधुमेह व बीपी के मरीज अपना विशेष ख्याल रखें, ठंडी चीजें नहीं खायें.
- सांस के मरीज व निमोनिया पीड़ित बच्चों पर निगरानी रखें.
- युवा वर्ग अपने एक्साइज को बढ़ा सकते हैं.