बिहार : अब राज्य सरकार बेचेगी सब्जी, तैयारियों में जुटा सहकारिता विभाग

पटना : सुधा दूध की तरह अब राज्य में आउटलेट पर सब्जियां भी बिकेंगी. इसके लिए प्रखंड से लेकर राज्य स्तर पर सब्जी उत्पादकों का फेडरेशन बनेगा. सहकारिता विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच जिलों पटना, बेगूसराय, नालंदा, वैशाली और समस्तीपुर में इसकी शुरुआत होगी. इन जिलों में सब्जी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2017 6:24 AM
पटना : सुधा दूध की तरह अब राज्य में आउटलेट पर सब्जियां भी बिकेंगी. इसके लिए प्रखंड से लेकर राज्य स्तर पर सब्जी उत्पादकों का फेडरेशन बनेगा. सहकारिता विभाग इसकी तैयारी में जुट गया है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत पांच जिलों पटना, बेगूसराय, नालंदा, वैशाली और समस्तीपुर में इसकी शुरुआत होगी.
इन जिलों में सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर होती है. सबकुछ ठीक रहा तो जनवरी से सब्जियों के आउटलेट खुल जायेंगे.सब्जियों का प्रसंस्करण और उसकी बिक्री मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट है. राज्य मंत्रिपरिषद ने भी इसकी मंजूरी दे दी है. पूरा सिस्टम कंफेड की तरह होगा. जिस तरह सुधा दूध का कलेक्शन, उसका प्रसंस्करण और वितरण होता है उसी तर्ज पर सब्जियों का भी कलेक्शन, प्रसंस्करण और वितरण होगा. इन पांचों जिलों में सब्जी उत्पादकों की सहकारी समिति बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
तीन स्तरों पर होगा समिति का गठन
प्रखंड स्तर पर सब्जी उत्पादकों की प्राथमिक समिति होगी. इसके बाद जिला स्तर पर समिति बनेगी. राज्य स्तर पर फेडरेशन बनेगा. फेडरेशन बिक्री का काम करेगा. इसके लिए जगह-जगह आउटलेट खोले जायेंगे. इन पांचों जिलों में 98 प्रखंड हैं. सभी प्रखंड में सब्जी उत्पादकों की सहकारी समिति बनेगी, सब्जी उत्पादकों के लिए आधारभूत संरचनाओं का निर्माण होगा. अधिक दिन तक सब्जी ताजी रहे इसके लिए कोल्ड चेन के तहत कोल्ड स्टोरेज का निर्माण होगा.
एक हाट का निर्माण होगा, जहां किसान अपने उत्पाद को बेच सकेंगे. यहां पर सब्जियों की शाॅर्टिंग और ग्रेडिंग की व्यवस्था होगी. इस व्यवस्था का एक लाभ यह भी होगा कि किसानों को उनके उत्पाद की सही कीमत मिलेगी.बिचौलियों के हाथ सब्जी बेचने से वो बच जायेंगे. अभी किसानों से बिचौलिये औने-पौने दाम में सब्जी खरीद लेते हैं. वहीं, आम लोगों को यह लाभ होगा कि उचित कीमत पर और ताजी सब्जियां मिल जायेंगी.
मंत्री ने कहा
राज्य सरकार सब्जी उत्पादकों और आम लोगों को लाभ देने के लिए यह व्यवस्था कर रही है. पहले चरण में पांच जिलों में इसकी शुरुआत होगी. इसके बाद इसे पूरे राज्य में लागू किया जायेगा.

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