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बिहार : कागज पर खेत और धान की खरीद दिखा गबन कर लिये करोड़ों रुपये

गड़बड़ी : धान अधिप्राप्ति घोटाला की तेजी से चल रही जांच पटना : राज्य में धान अधिप्राप्ति घोटाला मामले की जांच तेजी से चल रही है. इसमें चौकाने वाले तरीके से धांधली करने के मामले व्यापक स्तर पर सामने आ रहे हैं. इस मामले की जांच फिलहाल सीआईडी के स्तर पर एक एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन […]

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गड़बड़ी : धान अधिप्राप्ति घोटाला की तेजी से चल रही जांच
पटना : राज्य में धान अधिप्राप्ति घोटाला मामले की जांच तेजी से चल रही है. इसमें चौकाने वाले तरीके से धांधली करने के मामले व्यापक स्तर पर सामने आ रहे हैं.
इस मामले की जांच फिलहाल सीआईडी के स्तर पर एक एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) का गठन कर चल रही है. हर जिले में बड़े स्तर पर कागजी खानापूर्ति करके धान की खरीद कर ली गयी और लाखों सरकारी रुपये का गबन कर लिया गया है. अब तक की जांच में धान अधिप्राप्ति घोटाला में 500 करोड़ से ज्यादा की गड़बड़ी सामने आ चुकी है. हालांकि अभी इसकी जांच चल ही रही है. जांच पूरी होने के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि सही मायने में इस घोटाले का आकार कुल कितने का है. इसमें अधिकारी से लेकर जन प्रतिनिधि स्तर तक के लोग शामिल हैं.
धान अधिप्राप्ति की सूची में जिन किसानों और धान बेचने वालों के नाम एवं पता का उपयोग कर पैसेनिकाले गये हैं, उन मामलों कोसंबंधित अंचल के सीओ से क्रॉस वेरिफिकेशन कराया जा रहा है. सैकड़ों ऐसे व्यक्ति को किसान दिखाकर इनसे धान खरीद की गयी है, जिनके पास एक धूर भी जमीन नहीं है. वैशाली, समस्तीपुर, सीतामढ़ी, रोहतास, मधुबनी समेत अन्य जिलों में इस तरह के मामले बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं.
ऐसे पूरे राज्य में इस तरह के सैकड़ों मामले हैं. सीओ के स्तर से जब उस व्यक्ति का वेरिफिकेशन गांव में जाकर किया गया, तो पता चला कि उसके पास जमीन ही नहीं है. फिर भी उनके नाम पर 70-80 टन धान की खरीद कर ली गयी है. कुछ मामलों में तो संबंधित व्यक्ति की मौत काफी पहले हो चुकी है. वैशाली जिले में कुछ ऐसे मामले भी सामने आये हैं, जिनमें दर से ज्यादा धान की पैदावार दिखाते हुए धान की खरीद की गयी है. मसलन, किसी किसान के पास 52 कट्ठा जमीन है, तो उसकीधान की पैदावार 75 क्विंटल दिखाते हुए पैसे का भुगतान किया गया है. जबकि प्रति कट्ठा एक क्विंटल से ज्यादा की उपज वैशाली जैसे जिले के लिए असंभव है.
धान की ढुलाई में भी हुई है धांधली
जिन ट्रकों पर धान की ढुलाई की गयी है, उसमें भी काफी धांधली हुई है. ट्रक पर हकीकत में ढोये गये 500 क्विंटल धान, जबकि कागज पर इन्हें महज 250 या 300 क्विंटल ही दिखाया गया है. ओवरलोडिंग के इस खेल में भी करोड़ों रुपये की हेराफेरी हुई है. जांच अधिकारी कहते हैं कि ओवरलोडिंग की इस तरह की धांधली के कारण ही गंगा सेतु पुल को भी काफी नुकसान हुआ है. उत्तर बिहार के जिलों में ओवरलोडिंग के मामले व्यापक स्तर पर सामने आये हैं. इसके कारण रोजाना हजारों ट्रक ओवरलोडेड धान लेकर पुल से गुजरते थे. इससे पुल को नुकसान होना स्वभाविक है.

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