नयीदिल्ली : वरिष्ठराज्यसभा सांसद शरद यादव ने आंदोलनों के प्रतीक बन चुके जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शनों को प्रतिबंधित करने के राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के आदेश को अलोकतांत्रिक बताते हुये कहा है कि वह इस आदेश को स्वंय तोड़ेंगे. जदयू के बागी गुट के नेता यादव ने आज संवाददाता सम्मेलन में कहा कि विरोध की आवाज लोकतंत्र का अनिवार्य अंग है और आंदोलन इस आवाज को प्रकट करने का औजार है.
शरद यादव ने कहा कि जंतर मंतर जनता की आवाज को सरकार तक पहुंचाने का प्रतीक स्थल बन गया था, लेकिन एनजीटी ने प्रदूषण के नाम पर यहां आंदोलन को प्रतिबंधित कर दिया. शरद यादव ने कहा जंतर मंतर के आसपास स्थित दो चार बंगलों में रहने वालों की सहूलियत के लिये आंदोलन की आवाज को ध्वनि प्रदूषण बताकर विरोध प्रदर्शनों को प्रतिबंधित करना लोकतंत्र की भावना के खिलाफ है. प्रतिबंध के विरोध में हम स्वयं इस आदेश का उल्लंघन करेंगे.
इस सवाल पर कि वे यह कदम कब तक उठायेंगे, उन्होंने कहा कि वह सभी दलों से इस बारे में चर्चा कर जल्द ही जंतर मंतर पर विरोध का झंडा उठायेंगे. उन्होंने कहा कि जदयू आठ मार्च को नोटबंदी लागू होने का एक साल पूरा होने के विरोध में सभी विपक्षी दलों के साथ देशव्यापी प्रदर्शन करेगा. आठ मार्च को जंतर मंतर पर ही प्रदर्शन करने के सवाल परशरद यादव ने कहा कि यह भी एक विकल्प हो सकता है.
कारोबारी गतिविधियों की सुगमता के मामले में भारत को विश्व बैंक की रिपोर्ट में 30 पायदान का उछाल मिलने के बारे में यादव ने रिपोर्ट को ही सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया. उन्होंने कहा कि हम देश के भीतर बैठकर बाजार, कारोबारियों, श्रमिकों और जनता की बदहाली को देख रहे हैं और मोदी सरकार विदेशी एजेंसियों की रिपोर्ट के सहारे जमीनी हकीकत को झुठला रही है. उन्होंने कहा कि हर चुनाव के पहले विदेश से इस तरह की रिपोर्टें आ जाती है. यह सब भाजपा का चुनावी एजेंडा है.