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जीएसटी रिटर्न दाखिल करने के फार्म को और सरल किया जायेगा : सुशील मोदी

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने जीएसटी नेटवर्क में आ रही दिक्कतों को जानने के लिए आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुये आज कहा कि रिटर्न दाखिल करने के फार्म को और सरल किया जायेगा. जीएसटी नेटवर्क में आ रही दिक्कतों को जानने के लिए पुराना सचिवालय के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 1, 2017 8:10 PM

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने जीएसटी नेटवर्क में आ रही दिक्कतों को जानने के लिए आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुये आज कहा कि रिटर्न दाखिल करने के फार्म को और सरल किया जायेगा. जीएसटी नेटवर्क में आ रही दिक्कतों को जानने के लिए पुराना सचिवालय के मुख्य सभा कक्ष में राज्य के सभी जिलों के 2-2 व्यापारिक व उद्यमी संगठनों के 100 से अधिक प्रतिनिधियों की 3 घंटे तक चली बैठक को सम्बोधित करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि आने वाले दिनों में कम्पोजिट स्कीम में शामिल व्यापारियों के टर्न ओवर की सीमा डेढ करोड तक की जा सकती है.

सुशील मोदी ने कहा कि सैद्धांतिक रूप से इस पर सहमति बनी है. निबंधन में संशोधन के लिए कोर और नान कोर क्षेत्र में सुविधा प्रारंभ कर दीगयी है. इस मौके पर उन्होंने प्रतिनिधियों के सुझावों को सुना. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के पहले महीने बिहार के 1 लाख 85 हजार करदाताओं में से 1 लाख 35 हजार यानी 72 प्रतिशत ने रिटर्न दाखिल किया जबकि अगस्त में 55 और सितंबर में मात्र 41 प्रतिशत ही रिटर्न दाखिल कर पाये.

उन्होंने कहा कि रिटर्न दाखिल करने के फार्म को और सरल किया जायेगा. विलंब शुल्क को समाप्त कर दिया गया है तथा जुलाई, अगस्त और सितंबर तक का शुल्क वापस हो जायेगा. सुशील ने कहा कि जीएसटी-2 आफलाइन वर्जन के अंतर्गत करदाता बगैर इंटरनेट कनेक्टिविटी के जीएसटीआर-2 का मिलान कर सकते हैं एवं उसे स्वीकार, अस्वीकार या संशोधन के बाद इंटरनेट उपलब्ध होने पर अपलोड कर सकते हैं.

सुशील ने कहा कि 20 लाख तक के सेवा प्रदाता को अंतर राज्य कर योग्य सेवा के बावजूद निबंधन की जरूरत नहीं होगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क है जिसके अंतर्गत एक घंटे में एक लाख तो एक दिन में 12 लाख तक रिटर्न दाखिल हुआ है. उन्होंने कहा कि 37 राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों व केंद्र की वैट प्रणाली को जीएसटी के अंतर्गत एक जगह समेकित किया गया है. जीएसटी परिषद के करदाताओं को हर संभव राहत देने के लिए प्रयासरत है.

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