बिहार : शौचालय के 13.66 करोड़ रुपये डकारे इंजीनियर और एकाउंटेंट पर प्राथमिकी
पटना िजले के प्रखंडों में बनने थे 10 हजार शौचालय पटना : एनजीओ और अलग-अलग एजेंसियों की मिलीभगत से पटना में शौचालय निर्माण के 13.66 करोड़ रुपये हड़प लिये गये. जांच में इसका खुलासा होने पर गुरुवार काे पूर्वी पीएचईडी,पटना के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा और एकाउंटेंट बिटेश्वर प्रसाद सिंह पर एफआईआर दर्ज […]
पटना िजले के प्रखंडों में बनने थे 10 हजार शौचालय
पटना : एनजीओ और अलग-अलग एजेंसियों की मिलीभगत से पटना में शौचालय निर्माण के 13.66 करोड़ रुपये हड़प लिये गये. जांच में इसका खुलासा होने पर गुरुवार काे पूर्वी पीएचईडी,पटना के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा और एकाउंटेंट बिटेश्वर प्रसाद सिंह पर एफआईआर दर्ज की गयी. डीएम संजय कुमार अग्रवाल के निर्देश पर एकाउंटेंट बिटेश्वर प्रसाद सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. विनय कुमार सिन्हा अभी राज्य जल पर्षद के अधीक्षण अभियंता हैं और दिसंबर में रिटायर होने वाले हैं. डीएम ने उनके भी निलंबन के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है, ताकि रिटायरमेंट के पूर्व उन्हें सस्पेंड किया जा सके.
बताया गया है कि जांच अभी जारी है. जल्द ही कई और नाम सामने आयेंगे. राज्य सरकार ने वर्ष 2013 में यह नियम बनाया कि शौचालय निर्माण का पैसा एजेंसी के माध्यम से लाभुकों को नहीं दिया जायेगा. इसके बावजूद पीएचईडी के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा और एकाउंटेंट बिटेश्वर प्रसाद सिंह ने वर्ष 2012-13, 2013-14 और 2014-15 में पटना जिले के विभिन्न प्रखंडों में बनने वाले 10 हजार से अधिक शौचालयों का पैसा (13.66 करोड़) मई, 2016 में सीधे एजेंसी को दे दिया.
उस वक्त आनन-फानन में तीन एजेंसियों सहित कई लोगों के विभिन्न खातों में 200 से अधिक चेक काट कर डाल दिया गया. यह गबन उस वक्त किया गया, जब पीएचईडी से शौचालय निर्माण का खाता डीआरडीए में ट्रांसफर होने वाला था.
जांच में यह खुलासा हुआ है कि एकाउंट ट्रांसफर के महज एक हफ्ते पहले चेक काट कर राशि का गबन कर लिया गया. इस दौरान जब एकाउंट डीआरडीए को पूरी तरह से ट्रांसफर हो गया तो उसके बाद एकाउंट में कम राशि दिखी. तब तीन बार फंड को लेकर संबंधित अधिकारी को शो कॉज किया गया, इसके बाद डीडीसी और डायरेक्टर की संयुक्त टीम बनायी गयी. टीम की जांच में 13.66 करोड़ रुपये का गबन सामने आया है. जांच के बाद यह दायरा अभी और बढ़ने की उम्मीद है.
पैसा निकासी का यह है नियम
कार्यपालक अभियंता विनय कुमार व एकाउंटेंट बिटेश्वर प्रसाद सिंह ने एजेंसियों के खातों में हर चेक पांच हजार से कम का काटा था, क्योंकि नियम है कि पांच हजार से अधिक का चेक काटा जाता है तो उस पर सीनियर पदाधिकारी का भी काउंटर साइन लेना होगा. नियम के मुताबिक एक माह में मात्र 50 लाख का चेक काट सकते हैं, पर सिर्फ सात दिनों में 13 करोड़ से अधिक राशि का चेक काटा गया.
— एनजीओ के खाते में डाला था शौचालय निर्माण का पैसा
— पीएचईडी तत्कालीन कार्यपालक अभियंता के निलंबन को भेजा पत्र, एकाउंटेंट सस्पेंड
पैसे की रिकवरी के लिए जब्त होगी संपत्ति
जानकारी के मुताबिक अभी शौचालय निर्माण एजेंसी से जुड़े खातों को खंगाला जा रहा है. इससे जुड़े और इसके माध्यम से कितने पैसे किसको ट्रांसफर किये गये, इसकी लगातार जांच हो रही है. जिस एजेंसी व एनजीओ को शाैचालय निर्माण के लिए पैसे का भुगतान किया गया है, इसका कहीं कोई प्रूफ नहीं मिला है. इसके अलावा पीएचईडी में भी इन एजेंसियों से संबंधित कोई कागजात भी नहीं है. बताया गया कि पैसों की रिकवरी के लिए आरोपितों के मकान, जमीन व अन्य संपत्ति जब्त की जायेगी.
जांच अब भी जारी
शौचालय निर्माण के लिए आयी राशि को एजेंसी व एनजीओ के खातों में डाला गया. जब मामला प्रकाश में आया तो इसकी गहन जांच करायी गयी. इसके बाद दो आरोपितों पर एफआईआर दर्ज करायी गयी और एकाउंटेंट को निलंबित कर दिया गया. कार्यपालक अभियंता को निलंबित करने के लिए विभाग को पत्र भेजा गया है. जांच जारी है, पैसे की रिकवरी के लिए आरोपितों की संपत्ति जब्त की जायेगी.
संजय कुमार अग्रवाल, डीएम, पटना
इनके खातों में गया पैसा
आदि शक्ति सेवा संस्थान : इसकेखाते में 10 करोड़ तीन लाख 94 हजार 442 रुपये डाले गये. संस्थान के संचालक उदय सिंह व सुमन सिंह पर एफआईआर दर्ज
मां सर्वेश्वरी सेवा संस्थान : इसके खाते में 2 करोड़ 14 लाख 57 हजार 400 रुपये डाले गये. इसके संचालक मनोज कुमार, प्रतिमा सिंह व बॉबी कुमारी पर एफआईआर दर्ज.
सत्यम शिवम कला केंद्र : इसके खाते में 1 करोड़ 52 लाख 92 हजार 271 रुपये डाले गये. इसके संचालक महेंद्र कुमार पर एफआईआर दर्ज.
शिव सेवा संस्थान : इसके खाते में 6.71 लाख रुपये डाले गये.
रीता कुमारी के खाते में 3.60 लाख और प्रीति भारती के खाते में 2.97 लाख रुपये का चेक डाला गया.