बिहार : गांव में शराब बिकी तो चौकीदार और दफादार माने जायेंगे दोषी

पटना : राज्य सरकार ने पूर्ण शराबबंदी कानून को और सख्त बनाने के लिए ग्रामीण इलाकों में चौकीदार-दफादारों की जिम्मेवारी बढ़ीयी है. अब किसी भी गांव में अवैध शराब का निर्माण, भंडारण और बिक्री हुई और इसकी सूचना स्थानीय थाने को नहीं दी गयी तो चौकीदार-दफादारों को प्रथम दृष्टया दोषी माना जायेगा. इसके साथ ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 4, 2017 6:45 AM
पटना : राज्य सरकार ने पूर्ण शराबबंदी कानून को और सख्त बनाने के लिए ग्रामीण इलाकों में चौकीदार-दफादारों की जिम्मेवारी बढ़ीयी है. अब किसी भी गांव में अवैध शराब का निर्माण, भंडारण और बिक्री हुई और इसकी सूचना स्थानीय थाने को नहीं दी गयी तो चौकीदार-दफादारों को प्रथम दृष्टया दोषी माना जायेगा. इसके साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.
गृह विभाग ने यह आदेश जारी किया है जिसमें कहा गया है कि बिहार में मद्यनिषेध और उत्पाद अधिनियम लागू किया गया है. इसके तहत शराब एवं अन्य मादक पदार्थों का निर्माण, भंडारण, वितरण, क्रय-बिक्रय और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंद लगाया गया है. इसे सख्ती से लागू करने का दायित्व उत्पाद विभाग के पदाधिकारियों के साथ पुलिस को भी दिया गया है. शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में शराब के बिक्री एवं उपभोग की कुछ घटनाएं सरकार को मिली है. शराबबंदी लागू करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है.
इसलिए राज्य पुलिस की सभी इकाइयां इस अधिनियम के प्रावधानों को लागू करने की जिम्मेवारी दी गयी है. चौकीदार संवर्ग ग्रामीण क्षेत्रों में विधि व्यवस्था संधारित करने में महत्वपूर्ण योगदान देता है. इस संवर्ग की जिम्मेवारी है कि वह शराबबंदी के प्रावधानों का लागू करने में योगदान दें.

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