जदयू को अपने नेता का अपमान बर्दाश्त नहीं : संजय

पटना: जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को खुला पत्र लिखा है. संजय सिंह ने अपने पत्र में लालू से कहा कि खेल आपने शुरू किया है. खेल के सूत्रधार भी आप ही है. शुरुआत आपने भागलपुर से ही कर दी थी. अब जब हमारी बारी आयी तो ये तिलमिलाहट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 5, 2017 8:47 AM
पटना: जदयू के मुख्य प्रवक्ता संजय सिंह ने राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को खुला पत्र लिखा है. संजय सिंह ने अपने पत्र में लालू से कहा कि खेल आपने शुरू किया है. खेल के सूत्रधार भी आप ही है. शुरुआत आपने भागलपुर से ही कर दी थी. अब जब हमारी बारी आयी तो ये तिलमिलाहट क्यों. ईंट का जबाब पत्थर से दिया जायेगा.

श्री सिंह ने कहा कि जदयू का एक-एक कार्यकर्ता अपने नेता नीतीश कुमार के अपमान का बदला लेगा. तेजस्वी ने जितनी फुर्ती नीतीश कुमार को अपमानित करने में दिखायी, यदि वो फुर्ती उन्होंने अपनी अर्जित संपत्ति के जवाब देने में दिखाते तो आज तस्वीर कुछ और होती. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद की अकुलाहट और बेचैनी सत्ता से बेदखल होने की वजह से हो रही है. इस बार सत्ता में आने के बाद मलाई मारने को नहीं मिला. आप और आपके बच्चे अपनी राजनीति को खराब कर रहे है.

पत्र में श्री सिंह ने कहा है कि जब वे भागलपुर में सभा करने गए थे तो नीतीश कुमार के भागलपुर प्रवास पर सवाल उठाये थे. खेल आपने शुरू किया है तो फिर जबाव भी सुनने के लिए तैयार रहिये. लालू को संबोधित करते हुए लिखा कि आपने जिस तरह से अपने बच्चों की परवरिश की है इसमें खोट है.

ना आपमें राजनीति का कोई संस्कार था और ना ही आपके बच्चों में कोई राजनीतिक संस्कार है. पत्र में लिखा है कि नीतीश कुमार के बाद आप रेल मंत्री बने थे . आप चाहते तो ट्रेन का नाम बदल सकते थे लेकिन आज जो बातें अर्चना और उपासना एक्सप्रेस के बारे में हो रही है वो काफी स्तरहीन है. तेजस्वी यादव को शायद पता नहीं है कि वैष्णो देवी की पूजा में अर्चना का विशेष महत्व है.

इसलिए वहां से चलने वाली ट्रेन का नाम अर्चना एक्सप्रेस रखा गया था. अजमेर शरीफ ख्वाजा साहब का दरगाह है वहां उपासना धार्मिक परंपरा है . इसलिए वहां से चलने वाली ट्रेन का नाम उपासना एक्सप्रेस रखा गया. आपके और आपके परिवार के कई राज है जो सामने आ गई तो फिर जबाब भी नहीं सूझेगा . अभी आपका पूरा परिवार तो रोज सीबीआई ,ईडी और आईटी के दरवाजे पर नतमस्तक हो रहे है . अभी वो भी वक्त आयेगा जब पूरा परिवार जेल में होगा और जेल की सदस्यता लेनी होगी

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