पटना : बिहार के पटना साहिब से सांसद और भाजपा के वरिष्ठ नेता शत्रुघ्न सिन्हा लगातार अपनी अनदेखी से नाराज चल रहे हैं. उन्होंने एक बार फिर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को बड़ी सलाह देते हुए गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव के बारे में बड़ी बातें कही हैं. आइए जानते हैं. शत्रुघ्न सिन्हा ने क्या सलाह दिया है.
-अभिनेता से राजनेता बने शत्रुघ्न सिन्हा ने इससे पूर्व भी अपनी ही पार्टी लाइन के खिलाफ जाते रहे हैं.
-राजनीतिक जानकारों का मानना है कि बीजेपी से बिहारी बाबू का दोस्ताना नहीं रहा है. उनके ऊपर केंद्रीय नेतृत्व ने भरोसा जताना छोड़ दिया है, इसलिए उन्हें किसी भी राज्य के चुनाव प्रचार में नहीं ले जाया जाता है.
-भाजपा के समक्ष गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को एक बड़ी चुनौती बताते हुए रविवार को कहा कि इससे पार तभी पाया जा सकता है जब यह वन मैन शो और दो-सैनिकों की सेनौ की मानसिकता से बाहर आए.
-शत्रुघ्न ने कहा कि भाजपा का पुराना कार्यकर्ता होने के नाते उनकी भावना हमेशा अपनी पार्टी के साथ है.
-शत्रु ने कहा कि मेरे विचार से युवाओं, किसानों और व्यापारियों के बीच असंतोष को देखते हुए हमें गुजरात और हिमाचल प्रदेश में बडी चुनौती का सामना करना पडेगा.
-उन्होंने सलाह देते हुए कहा कि हमें दीवार पर लिखी लिखावट को पढना चाहिए और अपने विरोधियों को हल्के में नहीं लेना चाहिए.
-शत्रु ने कहा कि मैं यह जरुर कहूंगा कि अगर हम वन मैन शो और दो-सैनिकों की सेनौ बने रहे तो हम चुनौतियों का सामना नहीं कर सकते.
– शत्रुघ्न ने प्रधानमंत्री और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का नाम नहीं लिया पर उन्होंने कहा कि वह यह नहीं समझ पा रहे हैं कि पार्टी के कद्दावर नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी की क्या गलती है. या तो उन्हें दरकिनार कर दिया गया अथवा वह पराए कर दिए गए. हम सब एक परिवार के समान
हैं.
-उन्होंने कहा कि अगर कोई गलती हुई तो उसे सुधारने की कोशिश क्यों नहीं की गयी.
-शत्रु ने कहा कि आडवाणी और जोशी भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से हैं. उन्हें पार्टी के मार्गदर्शक मंडल का सदस्य बना दिया गया जो एक तरह से उनके सक्रिय राजनीतिक जीवन के समाप्त होने की
ओर इशारा करता है.
– शत्रुघ्न ने कहा कि अपनी विफलताओं पर ईमानदारी के साथ गौर करने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि हम इससे इंकार नहीं कर सकते कि नोटबंदी के कारण कई लोगों की नौकरी गयी और जैसा कि वादा किया गया उस हिसाब से कालाधन नहीं निकल सका.
-उन्होंने कहा कि जीएसटी एक जटिल कर प्रणाली प्रतीत होती है जिससे केवल चार्टर्ड एकाउंटेंट को लाभ पहुंच रहा है.
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