पटना : बिहार के मोकामा से निर्दलीय विधायक अनंत सिंह को बड़ी राहत मिली है. बेऊर जेल से हाल में रिहा हुए अनंत सिंह को पटना सिविल कोर्ट ने एक बहुचर्चित हत्याकांड में बरी कर दिया है. अनंत सिंह के साथ आरोपी बनाये गये अन्य अभियुक्तों को भी कोर्ट ने बरी कर दिया है. पटना सिविल कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में अनंत सिंह समेत अन्य तीन आरोपितों को बरी किया है. अनंत सिंह को यह राहत संजीत पहलवान हत्याकांड में मिली है. कोर्टने अनंत सिंह के साथ उनके सहयोगी हरि पहलवान, छोटन सिंह, भूषण सिंह को भी न्यायालय ने बरी कर दिया है. इनके खिलाफ पटना के बेऊर में हुए इस हत्याकांड में साक्ष्य नहीं था.
अनंत सिंह के खिलाफ वर्ष 2009 में संजीत पहलवान की हत्या का एक मुकदमा दायर किया गया था. संजीत पहलवान विधायक के पैतृक गांव नदावां का रहने वाला था. प्रतिद्वंदी विवेका पहलवान गुट से इसके संबंध थे. संजीत पहलवान का घर बेऊर में लखीसराय के अपराधी सरगना अरुण सिंह उर्फ खिखर सिंह के ठीक बगल में था. इस हत्याकांड के बाद खिखर सिंह ने दहशत में पटना में अपना ठिकाना बदल लिया था. संजीत पहलवान हत्याकांड में उसके भतीजे राजू सिंह ने मामला दर्ज कराया था. बेऊर थाने में हत्या की प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. 6 साल बाद 2015 में अनंत सिंह और अन्य के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया गया था.
2016 में आरोप गठन की कार्रवाई हुई थी और नियमित सुनवाई के बाद अनंत सिंह को बड़ी राहत मिली. पटना सिविल कोर्ट के एडीजे चार मनोज कुमार सिन्हा की अदालत में अनंत सिंह के खिलाफ लंबित संजीत पहलवान हत्याकांड की सुनवाई चल रही थी. संजीत पहलवान हत्याकांड विधायक के गले की हड्डी भी बना हुआ था. अनंत सिंह समर्थकों ने बताया कि हत्याकांड में उनकी कोई भूमिका नहीं थी और उन्हें जानबूझकर फंसाया गया था.
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