शरद ने वकील द्वारा अपना पक्ष रखने की राज्यसभा सभापति से मांगी अनुमति
नयी दिल्ली: जदयू के बागी नेता शरद यादव ने राज्यसभा की सदस्यता के मामले में सभापति एम वैंकेया नायडू से अपना पक्ष रखने के लिये वकील को पेश करने की अनुमति मांगी है. जदयू पार्टी के राज्यसभा सदस्य शरद और अली अनवर की संसद सदस्यता समाप्त करने संबंधी मामले में आज नायडू के समक्ष सुनवाई […]
नयी दिल्ली: जदयू के बागी नेता शरद यादव ने राज्यसभा की सदस्यता के मामले में सभापति एम वैंकेया नायडू से अपना पक्ष रखने के लिये वकील को पेश करने की अनुमति मांगी है. जदयू पार्टी के राज्यसभा सदस्य शरद और अली अनवर की संसद सदस्यता समाप्त करने संबंधी मामले में आज नायडू के समक्ष सुनवाई के दौरान उन्होंने अपना पक्ष रखते हुये कहा कि मामले के तकनीकी पहलुओं को वकील के माध्यम से ही पेश किया जा सकता है.
जदयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के आधार पर यादव और अनवर की राज्यसभा सदस्यता खत्म करने की राज्यसभा सभापति से मांग की है. सूत्रों के अनुसार इस मामले में शरद गुट का पक्ष रखने के लिये वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल को नायडू के समक्ष पेश होना था, लेकिन राज्यसभा सचिवालय ने उन्हें पेश होने की अनुमति नहीं दी.
चुनाव आयोग में भी जदयू के चुनाव चिह्न पर शरद गुट के दावे से जुड़े मामले में सिब्बल ही याचिकाकर्ता पक्ष के वकील हैं. शरद गुट के एक नेता ने बताया कि यादव और अनवर ने नायडू के समक्ष सुनवाई के दौरान कहा कि नीतीश गुट ने स्वयं जदयू के संविधान का उल्लंघन कर खुद को पार्टी से अलग किया है. ऐसे में उनकी राज्यसभा सदस्यता खत्म करना न्यायोचित नहीं है. उन्होंने कहा कि इस मामले में देश के संविधान और जनप्रतिनिधित्व कानून से जुड़े पहलुओं को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. मामले के इन पहलुओं को वकील प्रभावी तरीके से पेश कर सकता है इसलिए उन्हें अपना वकील पेश करने की अनुमति दी जाये.