पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने जीएसटी को लेकर अलग-अलग व्यवसाय से जुड़े प्रतिनिधियों से आज उनके सुझाव सुने. बिहार चैम्बर आफ कामर्स में राज्य के विभिन्न व्यावसायों से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सह वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि बिहार एक उपभोक्ता राज्य है.
सुशील मोदी ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की आगामी बैठक में 28 प्रतिशत टैक्स दायरे में शामिल 227 वस्तुओं में से 80 प्रतिशत पर टैक्स घटकर 18 प्रतिशत होने की संभावना है. उन्होंने कहा कि जीएसटी कमेटी ने भी 18 प्रतिशत टैक्स वाले कई वस्तुओं की कर दर को घटाकर 12 प्रतिशत करने की अनुशंसा की है. अभी तक 100 से ज्यादा वस्तुओं पर टैक्स की दर कम की जा चुकी है.
उपमुख्यमंत्री ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार में अगस्त महीने में जहां 58 प्रतिशत 3 बी रिटर्न दाखिल किया गया था, वहीं सितंबर में मात्र 46.4 प्रतिशत ही दाखिल हुआ. सुशीलमोदी ने कहा कि व्यापारियों को क्या दिक्कत है, इसे जानने के लिए सभी डीलरों के सर्वे का निर्देश दिया गया है.
सुशील मोदी ने चैम्बर के सभागर में आयोजित बैठक में खाद्यान्न, सर्राफा, कपड़ा, किराना, रीयल एस्टेट आदि से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों से उनके सुझावों को सुनने के बाद कहा कि नोटबंदी और जीएसटी का अन्योन्याश्रय संबंध है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी की तरह ही जीएसटी का लक्ष्य स्वच्छ, पारदर्शी और ईमानदार अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि आम लोग का जीएसटी से कभी विरोध नहीं रहा है बल्कि इसकी प्रक्रिया की जटिलता से थोड़ी परेशानी है. व्यापारियों की नयी पीढ़ी तेजी से डिजिटल की ओर बढ़ रही है. उन्होंने कहा कि नौजवान अब कच्चे बिल के साथ काम करने को तैयार नहीं है. वे व्यापार के पुराने तरीके को बदलना चाहते हैं.