सीनियर डॉक्टरों ने संभाला कार्य, जूनियर बैठे धरने पर

विरोध. एनएमसीएच में जूनियरों का दिन भर रहा कार्य बहिष्कार पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार की सुबह से छात्रावास की मांग को लेकर पीजी स्टूडेंट ने धरना आरंभ दिया. हालांकि, देर शाम प्राचार्या से मिले भरोसा के बाद हड़ताली चिकित्सकों रात से काम पर वापस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 9, 2017 7:00 AM
विरोध. एनएमसीएच में जूनियरों का दिन भर रहा कार्य बहिष्कार
पटना सिटी : नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के आह्वान पर बुधवार की सुबह से छात्रावास की मांग को लेकर पीजी स्टूडेंट ने धरना आरंभ दिया. हालांकि, देर शाम प्राचार्या से मिले भरोसा के बाद हड़ताली चिकित्सकों रात से काम पर वापस लौटने का निर्णय लिया.
कार्य से अलग होने के बाद अस्पताल के ओपीडी की कमान वरीय चिकित्सकों ने संभाल ली. इमरजेंसी गेट के बाहर धरना पर बैठक पीजी स्टूडेंट को समझाने के लिए धरना स्थल पर कॉलेज प्राचार्या डॉ शिव कुमारी प्रसाद, अस्पताल अधीक्षक डॉ आनंद प्रसाद सिंह व वार्डन डॉ वीपी जायसवाल पहुंचे. दिनभर मान मनौव्वल होता रहा. प्राचार्या शिव कुमारी प्रसाद ने बताया कि वैकल्पिक व्यवस्था होने तक छात्र नवनिर्मित नर्स आवास में रहेंगे. इनके छात्रावास निर्माण के लिए विभाग को लिखा गया है.
कनीय चिकित्सक संघ के अध्यक्ष रवि रंजन कुमार रमन व सचिव राहुल शेखर ने बताया कि प्राचार्या व अधीक्षक के लिखित आश्वासन के बाद हड़ताल वापस लेते हुए रात से काम पर वापस लौटेंगे. इन लोगों ने बताया कि पीजी के छात्र व छात्राएं जिस नवनिर्मित आवास में रह रहे हैं, उसे छात्रावास की मान्यता देते हुए बिजली- पानी की सुविधा सुनिश्चित करने की मांग मान ली गयी. हालांकि, बुधवार की सुबह से ही संघ के अध्यक्ष रवि रंजन कुमार रमन की अध्यक्षता व सचिव राहुल शेखर के संचालन में धरना दिया गया.
धरना के दरम्यान पांच सूत्री मांगों का ज्ञापन भी सौंपा गया, जिसमें अस्पताल में स्थायी छात्रावास की व्यवस्था करने, लेबर रूम व इमरजेंसी में डॉक्टर ड्यूटी रूम, शौचालय की व्यवस्था करने, सुरक्षा की लिहाज से इमरजेंसी, आईसीयू, औषधि व शिशु रोग विभाग में पर्याप्त सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने समेत अन्य मांगें शामिल थीं.
29 में 12 का आॅपरेशन, 17 का टला
नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बुधवार को पीजी स्टूडेंट के हड़ताल पर आ जाने की स्थिति में ओपीडी पर भी इसका असर पड़ा. हालांकि, कुछ जूनियर काम कर रहे थे. उनको भी हड़ताली चिकित्सकों ने काम करने से रोका. हालांकि, सीनियर चिकित्सक काम कर रहे थे. इस वजह से ओपीडी कुछ देर बाधित होने के बाद फिर सुचारु ढंग से कार्य करने लगी.
इधर , अस्पताल में हड़ताल की वजह से 29 आॅपरेशन में महज 12 आॅपरेशन हो पाये. निश्चेतना के विभागाध्यक्ष डॉ अशोक कुमार ने बताया कि सर्जरी में 19, हड्डी रोग विभाग में पांच और महिला व प्रसूति विभाग में पांच आॅपरेशन होना था. तीनों विभाग में मिला कर महज 12 आॅपरेशन हुए, जबकि 17 आॅपरेशन को टाल दिया गया. हालांकि, हड़ताली पीजी स्टूडेंट का दावा है कि अस्पताल के इएनटी व हड्डी रोग विभाग में बुधवार को आॅपरेशन नहीं हुआ. इधर, इमरजेंसी में भी कार्य कर रहे जूनियर चिकित्सक पीजी स्टूडेंट के समर्थन में कुछ देर कार्य से अलग रहे. इससे भी कामकाज पर असर पड़ा.
बगैर उपचार के भी लौटे मरीज 2200 का हुआ पंजीयन
पटना सिटी : एनएमसीएच अस्पताल के केंद्रीय पंजीयन काउंटर पर बुधवार को दोपहर एक बजे तक लगभग 2200 मरीजों का पंजीयन कराया गया. कर्मियों की मानें , तो 1800 नया व 400 पुराने मरीजों का पंजीयन किया गया. हालांकि, सीनियर के हवाले ओपीडी में कुछ मरीज बगैर उपचार के लिए अस्पताल में दिनभर हो रहे धरना को प्रदर्शन को देख लौट गये. अस्पताल अधीक्षक आनंद प्रसाद सिंह का कहना है कि सीनियर के सहयोग से उपचार कराने आये मरीजों का उपचार हुआ है.

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