पटना : पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा आजकल अपनी ही पार्टी के खिलाफ कड़े तेवर अपना कर चर्चा के केंद्र में बने हैं. राजधानी स्थित एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में आयोजित वंचित वर्गों के आर्थिक, सामाजिक व रोजगार की वर्तमान स्थिति पर व्याख्यान देने के लिए पटना में हैं. मालूम हो कि पैराडाइज मामले में बेटे जयंत सिन्हा का नाम आने के बाद केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने एक बार फिर राजनीति में गरमाहट ला दी है. पहले भी वह नोटबंदी, जीएसटी आदि पर केंद्र सरकार पर टिप्पणी कर चुके हैँ.
एक माह में पैराडाइज पेपर मामले की जांच कराये केंद्र सरकार
पैराडाइज पेपर मामले में एक निजी चैनल से बातचीत में वह केंद्र सरकार पर खूब बरसे. अपने बेट जयंत सिन्हा का नाम पैराडाइज पेपर मामले में आने पर उन्होंने भाजपा अध्यक्ष के बेटे को निशाने पर लेते हुए कहा कि ‘जयंत सिन्हा की जांच अवश्य हो. लेकिन, साथ-ही-साथ जय शाह के खिलाफ भी जांच की जानी चाहिए.’ साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार एक महीने के अंदर जांच कराये और बताये कि पैराडाइज मामले में जिन नेताओं के नाम उजागर हुए हैं, वे दोषी भी हैं या नहीं. अगर जयंत सिन्हा के खिलाफ जांच हो रही है, तो जय शाह के खिलाफ क्यों नहीं? मेरी मांग है कि जिनके-जिनके नाम उजागर हुए हैं, सबकी जांच होनी चाहिए.
जीएसटी लागू करने में जेटली ने नहीं किया दिमाग का इस्तेमाल : यशवंत
यशवंत सिन्हा ने वित्त मंत्री अरुण जेटली पर हमला बोलते हुए कहा कि जीएसटी लागू करने के समय भारत के वर्तमान वित्त मंत्री ने दिमाग का इस्तेमाल ही नही किया. यही कारण है कि जीएसटी में कुछ न कुछ बदलाव लगातार किया जा रहा है. उन्होंने केंद्र सरकार से अर्थशास्त्रियों के नेतृत्व में कमेटी बनाने और उनकी रिपोर्ट के बाद जीएसटी में परिवर्तन किये जाने की बात उठायी.
नीतीश कुमार पर भी बोला हमला
बिहार में आउटसोर्सिंग में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आरक्षण दिये जाने पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि आरक्षण का नियम वर्ष 1993 से ही लागू है. लेकिन, राज्य सरकार ने आज तक इस दिशा में कुछ नहीं किया. यशवंत सिन्हा ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा कि अगर दम है तो निजी क्षेत्र में आरक्षण संबंधी बिल विधानमंडल से पास कराके केंद्र के पास भेजें.