नीतीश सरकार ने की टाल क्षेत्र के किसानों के लिए बड़ी पहल, कल्याण के लिए बनाया जायेगा यह प्लान
पटना : हाल में देश के प्रधानमंत्री जब बिहार दौरे पर आये थे, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके सामने भी टाल क्षेत्र के किसानों के समस्याओं की चर्चा की. अब नीतीश सरकार ने टाल क्षेत्र के किसानों के कल्याण के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. इसके लिए सरकार ने पहल शुरू कर […]
पटना : हाल में देश के प्रधानमंत्री जब बिहार दौरे पर आये थे, तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनके सामने भी टाल क्षेत्र के किसानों के समस्याओं की चर्चा की. अब नीतीश सरकार ने टाल क्षेत्र के किसानों के कल्याण के लिए बड़ा कदम उठाने जा रही है. इसके लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है. जानकारी के मुताबिक जल संसाधन मंत्री ललन सिंह की पहल पर जल संसाधन विभाग ने टाल योजना और विकास के लिए किसानों से रायशुमारी की योजना बनायी है. टाल इलाके के विकास के लिए राज्य सरकार का जल संसाधन विभाग टाल इलाके के किसानों और ग्रामीणों से विचार विमर्श करेगा. बताया जा रहा है कि टाल इलाके में किसानों के लिए सबसे बड़ी समस्या जल प्रबंधन का है. जल संसाधन मंत्री की पहल पर विभाग ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष एक प्रेजेंटेशन दिया है. उस प्रेजेंटेशन से मुख्यमंत्री काफी प्रभावित हैं, जिसमें यह बताया गया है कि टाल इलाके के किसान और ग्रामीण मिलकर इस समस्या के निदान के लिए प्रयास करें, तो रिजल्ट बेहतर होगा.
जल संसाधन विभाग की मानें, तो टाल इलाके में होने वाले महीनों तक जलजमाव की समस्या से निजात पाने के लिए राज्य सरकार जल प्रबंधन के लिए समुचित कदम उठायेगी. इसी क्रम में छोटी नदियों और नहरों की उड़ाही और उनके सिल्ट को निकाला जायेगा. विभाग के मुताबिक प्रथम चरण में इस काम के बाद, लखीसराय और टाल इलाके में बहने वाले नदियों पर स्लुइस गेट बनाकर उनके जल को उनके पास ही रहने देने का प्लान किया जायेगा. लखीसराय जिले की बलगुदर नदी में एंटी फ्लड गेट लगाये जायेंगे. गौरतलब है कि कई इलाके में आने वाला पानी लखीसराय में बलगुदर के पास हरोहर नदी के रास्ते गंगा में गिर जाता है. बलगुदर में हरोहर नदी पर एंटी फ्लड स्लुइस गेट बनाये जाने की योजना है.
किसानों की माने तो इस समस्या का एक मात्र निदान हेमजा कट हैं. अगर हेमजा कट प्वांट को शुरू कर दिया जाए तो पूरे टाल इलाके में जमा पानी गंगा में चला जायेगा, जिससे किसानों की परेशानी दूर हो जायेगी. अगर जल्द से जल्द पूरे टाल इलाके से पानी का निकासी नही हो पाया तो किसान की माली हालात और भी बद से बदतर हो जायेगी. राज्य सरकार की तैयारियां यदि सफल हुई तो टाल इलाके के किसानों को खासा लाभ होगा. फतुहा से लेकर बड़हिया तक फैले एक लाख हेक्टेयर से अधिक भू भाग में जलजमाव एक बड़ी समस्या है. रबी फसलों की बुआई से पहले पानी को निकालना सुनिश्चित किया जायेगा. इसके अलावा रबी फसलों की बुआयी शुरू होते तक पानी को टाल इलाके में रोकने पर भी बात बनेगी.
हालांकि, इसी वर्ष सितंबर में विभाग द्वारा फतुहा से बड़हिया तक फैले मोकामा टाल के सभी 76 पईन और दो नदियों की उड़ाही का काम शुरू कर दिया गया है.प्रथम चरण में 76 पइन की उड़ाही की जा रही है तथा नदियों की उड़ाही दूसरे चरण में की जाएगी. इस दौरान नदियों से गाद निकाली जायेगी ताकि नदियों से पानी के बहाव की रफ्तार बढ़ सके. पइन की डेढ़ फीट गहराई और 14 फिट चौड़ाई में खुदाई कर जमा गाद को निकाला जा रहा है. 40 जगहों पर एक साथ जेसीबी और पोकलेन मशीनों को लगाया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक टाल क्षेत्र के किसानों की समस्या का निजात मिलने के बाद इस इलाके में पैदावार काफी बढ़ जायेगी. किसानों को जलजमाव से मुक्ति मिलेगी और वह किसी भी फसल का उत्पादन शुरू कर सकते हैं. बिहार सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना किसानों के लिए वरदान साबित होने की उम्मीद है.
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