लोकसभा का चुनाव मिलकर लड़ेंगे वाम दल

पटना : बिहार में एनडीए और भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए साल 2019 का लोकसभा चुनाव वामपंथी दल मिलकर लड़ेंगे. इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है. पिछले दिनों वामदलों ने बैठक की थी, जिसमें आगे की रणनीति तय हुई थी. इसी के तहत एनडीए सरकार की नोटबंदी और जीएसटी के फैसले के खिलाफ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2017 10:10 AM
पटना : बिहार में एनडीए और भाजपा का विजय रथ रोकने के लिए साल 2019 का लोकसभा चुनाव वामपंथी दल मिलकर लड़ेंगे. इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है. पिछले दिनों वामदलों ने बैठक की थी, जिसमें आगे की रणनीति तय हुई थी. इसी के तहत एनडीए सरकार की नोटबंदी और जीएसटी के फैसले के खिलाफ आठ नवंबर को छह वामदलों ने मिलकर राज्यव्यापी प्रदर्शन किया था.

आगे भी सभी मुद्दों पर मिलकर विरोध करने का निर्णय लिया गया है. आगामी लोकसभा चुनाव अन्य किन पार्टियों के साथ मिलकर ये लड़ेंगे और कौन कितनी सीट पर अपने उम्मीदवार उतारेगा, अभी इसका फैसला नहीं हुआ है. भाकपा व माकपा की अप्रैल 2018 और भाकपा-माले की मार्च 2018 में राष्ट्रीय स्तर पर होने वाली बैठक में इस पर निर्णय लिया जायेगा.

क्या कहते हैं भाकपा नेता
भाकपा के राज्य सचिव सत्यनारायण सिंह ने कहा कि वामदलों के सामने महत्वपूर्ण मुद्दा सांप्रदायिक और फासीवादी ताकतों को राज्य में बढ़ने से रोकना है. इसके लिए सभी वामदल एक साथ मिलकर भाजपा व एनडीए के खिलाफ आगामी लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. अन्य कौन-सी पार्टियां वामदलों के साथ शामिल होंगी और सीटों का बंटवारा कैसे होगा? अभी इसका निर्णय नहीं हुआ है. पार्टी का राष्ट्रीय अधिवेशन अगले साल अप्रैल महीने में केरल में होगा. उस समय सभी मुद्दों पर रणनीति तय की जाएगी.
माकपा बनायेगी विशेष रणनीति
माकपा के राज्य सचिव अवधेश कुमार ने कहा कि सभी वाम दल जनता के सवालों पर संघर्ष कर रहे हैं. एनडीए और भाजपा को हराना मुख्य लक्ष्य है. वहीं नोटबंदी, जीएसटी, कृषि संकट, बेरोजगारी आदि मुख्य मुद्दे हैं जिनसे लोग परेशान हैं. इनके बारे में सोचने की फुर्सत सत्ताधारी एनडीए को नहीं है. वहीं भाजपा का सांप्रदायिक चेहरा सबके सामने आ गया है. दलितों पर अत्याचार हो रहे हैं. दिसंबर में दिल्ली में किसानों के संसद का आयोजन होगा. इसमें 162 संगठन शामिल होंगे. आगामी लोकसभा चुनाव में वाम दलों के अलावा अन्य पार्टियों को शामिल होने के बारे में उन्होंने बताया कि इसका फैसला अगले साल अप्रैल महीने में हैदराबाद में होने वाली पार्टी कांग्रेस की मीटिंग में लिया जायेगा. साथ ही अन्य मुद्दों पर भी चर्चा होगी.
भाकपा-माले की एकजुटता पर दिया जोर
भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि संगठन को मजबूत करने के लिए राज्य के हर बूथ स्तर पर सदस्यता अभियान चलाया जा रहा है. इसके साथ ही वामदलों के साथ मिलकर भाजपा के खिलाफ राजनीतिक और सामाजिक अभियान भी चलाये जा रहे हैं. आगे छह दिसंबर को बाबरी मस्जिद शहादत दिवस पर सभी वामदल मिलकर प्रदर्शन करेंगे. राज्य में लोकसभा चुनाव में वामदल के साथ अन्य पार्टियों के शामिल होकर चुनाव लड़ने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि 20 दिसंबर को पार्टी की केंद्रीय कमेटी की बैठक पुद्दुचेरी में होगी. साथ ही अगले साल पंजाब में मार्च में पार्टी का नेशनल काॅन्फ्रेंस होगा. इस दौरान पार्टी की रणनीति तय की जायेगी. साथ ही नेशनल काॅन्फ्रेंस में कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी चर्चा की जायेगी.

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