बिहार : फुलवारी में अवैध अपार्टमेंट तोड़ने पर रोक

सारण विहार अपार्टमेंट सहित पांच अन्य की रिट याचिकाओं पर हुई सुनवाई पटना : पटना हाईकोर्ट ने दायर की गयी एक रिट याचिका पर फुलवारीशरीफ नगर परिषद क्षेत्र में बहुमंजिले अपार्टमेंट के अवैध निर्माण को तोड़ने के आदेश पर रोक लगा दी है. जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह की एकलपीठ ने सारण विहार अपार्टमेंट सहित पांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2017 7:49 AM
सारण विहार अपार्टमेंट सहित पांच अन्य की रिट याचिकाओं पर हुई सुनवाई
पटना : पटना हाईकोर्ट ने दायर की गयी एक रिट याचिका पर फुलवारीशरीफ नगर परिषद क्षेत्र में बहुमंजिले अपार्टमेंट के अवैध निर्माण को तोड़ने के आदेश पर रोक लगा दी है. जस्टिस अश्विनी कुमार सिंह की एकलपीठ ने सारण विहार अपार्टमेंट सहित पांच अन्य की रिट याचिकाओं पर सोमवार को सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया.
गौरतलब है कि फुलवारीशरीफ में को-ऑपरेटिव की जमीन पर कई बहुमंजिली इमारतों व अपार्टमेंटों का निर्माण बगैर मानकों के और गैर कानूनी ढंग से नियमों के विरुद्ध व स्वीकृत से अधिक तल्लाें का निर्माण कराने का मामला प्रकाश में आया था.
इस मामले में अदालत ने पूर्व में नगर परिषद को निर्देश दिया था कि वे इस मामले में उचित कानूनी कार्रवाई करें तथा अवैध निर्माण को ध्वस्त करें. नगर परिषद द्वारा करीब एक दर्जन से अधिक बहुमंजिली इमारतों को चिह्नित किया गया था. नगर परिषद द्वारा कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. तीन नवंबर को हाईकोर्ट में अवमानना वाद में फुलवारीशरीफ के कार्यपालक पदाधिकारी ने उपस्थित होकर जानकारी दी थी.
पटना : उत्तर बिहार की लाइफ लाइन कहे जाने वाले महात्मा गांधी सेतु की दुर्दशा को लेकर दायर लोकहित याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार की ओर से की जा रही कार्रवाई से संबंधित दिये गये जवाब से पटना हाईकोर्ट ने संतोष प्रकट करते हुए मामले को निरस्त कर दिया.
चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन एवं जस्टिस डॉ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने दिनेश कुमार खुरपीवाला की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई की. याचिकाकर्ता द्वारा अदालत को पूर्व की सुनवाई में बताया गया था कि महात्मा गांधी सेतु के निर्माण के कुछ वर्षों बाद से इसकी हालत दिनों दिन खराब होने लगी थी. सेतु पर आये दिन वाहनों के परिचालन में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है.
केंद्र सरकार द्वारा मरम्मती का कार्य शुरू किया गया, लेकिन स्थिति दयनीय बनी हुई है. सुनवाई के क्रम में केंद्र सरकार की ओर से सेतु के रख-रखाव, मरम्मती से संबंधित की जा रही कार्रवाइयों का विस्तृत ब्योरा अदालत में प्रस्तुत किया गया.
पुलिस को जवाबी हलफनामा दायर करने का आदेश : शौचालय घोटाला में अभियुक्त बनाये गये लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के अभियंता के परिजनों को पुलिस द्वारा बेवजह तंग किये जाने के आरोप वाली याचिका पर पटना हाईकोर्ट ने पुलिस विभाग को 20 नवंबर तक हलफनामा दायर कर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है. जस्टिस बिरेंद्र कुमार की एकलपीठ ने प्रभा सिन्हा की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर उक्त आदेश दिया.
बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका खारिज
पटना : शौचालय घोटाले में अभियुक्त बनाये गये स्वयंसेवी संगठन के संचालक के पति को 72 घंटे तक अवैध रूप से पुलिस अभिरक्षा में रखने के मामले में पटना हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए याचिका को खारिज कर दिया. रवि रंजन एवं जस्टिस संजय कुमार की खंडपीठ ने रामनरेश शर्मा की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया.
सिपाही की बर्खास्तगी को खंडपीठ ने सही ठहराया, याचिका खारिज : अनुशासनहीनता ने के आरोप में बर्खास्त करने के एसएसपी के आदेश को सही ठहरानेवाले पटना हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश को पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ ने भी सही ठहराते हुए अपील को खारिज कर दिया. जस्टिस अजय कुमार त्रिपाठी एवं जस्टिस राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने आशीष कुमार की ओर से दायर अपील पर सुनवाई करते हुए उक्त आदेश दिया. याचिकाकर्ता पाटलिपुत्र थाना में स्पेशल मोबाइल में सिपाही के पद पर कार्यरत था अपने दादा की मृत्यु के बाद छुट्टी पर जाने के दौरान सरकारी पिस्टल को साथ में गांव ले जाया गया, जहां उसका प्रयोग ग्रामीणों को डराने के लिए किया जाता था.

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