शौचालय निर्माण घोटाला : मास्टरमाइंड बिटेश्वर हैदराबाद से गिरफ्तार

एसआईटी को बड़ी सफलता, कल लाया जायेगा पटना अब एग्जीक्यूटिव इंजीनियर विनय कुमार सिन्हा और एनजीओ अध्यक्ष उदय की तलाश पटना : शौचालय निर्माण की धनराशि का घोटाला करने के बाद मांद में छुपे आरोपितों को एसआइटी बारी-बारी से गिरफ्तार कर रही है. इस बार बड़ी सफलता हाथ लगी है. एसआईटी ने तीन दिन पहले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 17, 2017 7:12 AM
एसआईटी को बड़ी सफलता, कल लाया जायेगा पटना
अब एग्जीक्यूटिव इंजीनियर विनय कुमार सिन्हा और एनजीओ अध्यक्ष उदय की तलाश
पटना : शौचालय निर्माण की धनराशि का घोटाला करने के बाद मांद में छुपे आरोपितों को एसआइटी बारी-बारी से गिरफ्तार कर रही है. इस बार बड़ी सफलता हाथ लगी है.
एसआईटी ने तीन दिन पहले पीएचईडी विभाग के कैशियर व घोटाले के मुख्य आरोपी बिटेश्वर प्रसाद की लोकेशन को को ट्रेस कर लिया था. पुलिस की टीम बेंगलुरु से लेकर तेलंगाना तक उनको तलाश रही थी. बिटेश्वर लगातार लोकेशन बदल रहा था. इस बीच गुरुवार की सुबह तेलंगाना के हैदराबाद जगदगिरी गट्टा थाना के रिंग बस्ती से बिटेश्वर राय गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद तेलंगाना कोर्ट में ट्रांजिट रिमांड के लिए बिटेश्वर प्रसाद को पेश किया गया है. रिमांड मिने के बाद एसआईटी उसको लेकर शनिवार तक पटना पहुंच जायेगी.
एनजीओ खोलने के लिए बिटेश्वर ने ही तैयार किया था बाॅबी को, दस्तावेज फर्जी हैं
दरअसल, इस पूरे घोटाले का तानाबाना बिटेश्वर प्रसाद ने ही बुना था. गिरफ्तारी के बाद बॉबी ने पुलिस के सामने सारे राज खोल दिये हैं. उसने बताया है कि बख्तियारपुर में एक शादी समारोह में बिटेश्वर और बॉबी की मुलाकात हुई थी. इस दौरान बिटेश्वर ने बॉबी को सलाह दिया कि वह एक एनजीओ का रजिस्ट्रेशन करा ले. उसमें सरकारी पैसा ट्रांसफर किया जायेगा और उसका कमीशन मिलेगा.
इस पर बॉबी ने ऐसा किया. इसके बाद अन्य एनजीओ संचालक भी बिटेश्वर के संपर्क में आ गये. हालांकि अब तक की जांच में एसआईटी के पास मां सर्वेश्वरी सेवा संस्थान का रजिस्ट्रेशन से संबंधित काेई भी दस्तावेज नहीं मिला है. एसएसपी मनु महाराज का कहना है कि कई बार दस्तावेज मांगे गये हैं, लेकिन अध्यक्ष और सचिव दस्तावेज नहीं दिखा सके हैं. इससे साफ है कि एनजीओ का रजिस्ट्रेशन फर्जी है. एसआइटी इसकी भी जांच कर रही है.
रिश्तेदार के घर छुपा था
शौचालय घोटाला मामले में जैसे ही पुलिस ने हाथ डाला और बिटेश्वर प्रसाद से सरकारी दस्तावेज मांगा उसके अगले दिन ही वह पटना छोड़ कर फरार हो गया. सबसे पहले वह ओडिसा में शरण लिया और फिर जब पटना पुलिस ने उनका लोकेशन ट्रेस कर लिया तो वह तेलंगाना चला गया. एसआईटी के मुताबिक वह हैदराबाद के जगदगिरी गट्टा थाना के रिंग बस्ती में बिटेश्वर प्रसाद का साला पिछले 20 साल से रहता है. बिटेश्वर वहीं छुपा था. इसकी भनक लगी तो एसआईटी ने गिरफ्तार किया है.
दहाई के अंक में पहुंची आरोपितों की गिरफ्तारी
शौचालय निर्माण घोटाला मामले में घोटाला आरोपितों की संख्या दहाई के अंक में पहुंच गयी है. अब तक 10 लाेग पुलिस के हत्थे चढ़ गये हैं. बिटेश्वर की गिरफ्तारी घोटाले की कड़ी में काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है. पिछले दिनों वह ओड़िसा में शरण लिये हुए थे. पुलिस को लोकेशन मिल गया था, लेकिन टीम ने जैसे ही छापेमारी की, उससे पहले बिटेश्वर को भनक लग गयी और वह फरार हो गये.
15 करोड़ के गबन का मामला सामने आ चुका है
पटना : वर्ष 2013 में यह नियम बनाया गया कि शौचालय निर्माण का पैसा लाभुकों को एजेंसी के माध्यम से नहीं दिया जायेगा. बावजूद इसके पीएचडी के तत्कालीन कार्यपालक अभियंता विनय कुमार सिन्हा एवं एकाउंटेंट बिटेश्वर प्रसाद सिंह ने साल 2013-14 एवं 15 में बनने वाले 10 हजार से अधिक शौचालय निर्माण का पैसा 2016 मई में उस वक्त तीन एजेंसियों सहित कई लोगों के विभिन्न खाते में 200 से अधिक चेक काट कर डाला दिया.
यह गबन उस वक्त किया गया जब पीएचइडी से शौचालय निर्माण का खाता डीआरडीए में ट्रांसफर होने वाला था. यह सभी चेक एकाउंट ट्रांसफर के महज 15 दिन पहले काटे गये. इसमें करीब 15 करोड़ के गबन का मामला अभी सामने आया है, लेकिन यह दायरा अभी और बढ़ने की उम्मीद है. इसमें मुख्य रूप से तीन स्वयंसेवी संगठनों मां सर्वेश्वरी सेवा संस्थान, आदि शक्ति सेवा संस्थान और सत्यम शिवम कला केंद्र का नाम सामने आया है. आदि शक्ति सेवा संस्थान के खाते में 10 करोड़ की राशि डाली गयी.
इनके संचालक उदय सिंह व सुमन सिंह पर एफआइआर कराया गया है. वहीं, मां सर्वेश्वरी सेवा संस्थान के खाते में 2 करोड़ 14 लाख डाला गया. इसके संचालक मनोज कुमार, प्रतिमा सिंह व बॉबी कुमारी पर एफआइआर कर उनको गिरफ्तार कर लिया गया है. सत्यम शिवम कला केंद्र के खाते में एक करोड़ 52 लाख डाला गया. इसके संचालक महेंद्र कुमार पर एफआइआर है. इसके अलावे रीता कुमारी, प्रीति भारती के एकाउंट में तीन-तीन लाख का चेक डाला गया है. कई अन्य लोग भी जांच के घेरे में हैं, जिनकी सक्रियता की जांच हो रही है.
मामले में गांधी मैदान थाने में पीएचईडी के कार्यपालक अभियंता नित्यानंद प्रसाद के बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इस मामले की जांच के लिए अनुसंधानकर्ता टाउन डीएसपी एसए हाशमी को बनाया गया है. साक्ष्य के रूप में दिये गये दस्तावेज पांच सौ पन्नों का है. पुलिस उन तमाम कागजातों का अध्ययन कर रही है.

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