मीडिया अपने स्वरूप में बना रहे, यही है बड़ी चुनौती
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित हुए कई कार्यक्रम पटना : राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक अनुपम कुमार ने कहा है कि मीडिया अपने मीडिया के स्वरूप में बनी रहे, यह बड़ी चुनौती है. वे गुरूवार को सूचना भवन स्थित ‘‘संवाद’’ कक्ष में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता […]
राष्ट्रीय प्रेस दिवस पर आयोजित हुए कई कार्यक्रम
पटना : राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक अनुपम कुमार ने कहा है कि मीडिया अपने मीडिया के स्वरूप में बनी रहे, यह बड़ी चुनौती है. वे गुरूवार को सूचना भवन स्थित ‘‘संवाद’’ कक्ष में राष्ट्रीय प्रेस दिवस के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे थे.
श्री कुमार ने कहा कि संगोष्ठी का विषय ‘‘मीडिया के सामने चुनौतियाँ’’ भारतीय प्रेस परिषद् द्वारा निर्धारित है. मीडिया के लोगों को आज के परिदृश्य में, बदलते समय के साथ आवश्यकतानुसार एडजस्ट करना चाहिए ताकि पर्सनल बातों का स्किल भी डेवलप हो सके.
सरकार के स्तर पर मीडिया के सहयोग के लिए जो भी प्रयास करने होंगे वे किए जाएंगे ताकि मीडिया चुनौतियों के साथ समाज और सरकार की बातों को दोनों तक पहुंचा सके. इस मौके पर प्रेस सूचना कार्यालय, पटना के निदेशक दिनेश कुमार ने कहा कि डिस्कस करने के लिए तीन बातों पर ध्यान देना होगा, वह है पर्सनल, इभेन्ट तथा आईडिया. उसी प्रकार 5 डब्लू और एक एच फर्मुला का इस्तेमाल करने पर चुनौतियों का सामना करने में सहुलियत होगी. उन्होंने कहा कि मीडिया के प्रतिनिधियों को ‘‘मीडिया ‘ही’ और मीडिया ‘भी’ के अंतर को समझना होगा. आज मीडिया में सबसे ऊपर सोशल मीडिया है.
पत्रकार फैजान अहमद ने कहा कि कहा कि मीडिया के सामने सबसे बड़ी चुनौती आज भी वही है जो 100 वर्ष पहले थी और आशंका है कि आगे भी रहेगी. संगोष्ठी में प्रभात खबर के बिहार स्टेट कोर्डिनेटर अजय कुमार, सहित पत्रकार रजनी शंकर , सैय्यद शाहबाज आलम तथा डा. गौहर ने भी विचार रखे. इस मौके पर डा. नीना झा, जितेंद्र सिन्हा भी मौजूद थे.