बिहार : आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण लेंगे बिहार प्रशासनिक सेवा के अफसर

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश के बाद बिहार प्रशासनिक सेवा के सभी अधिकारियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसकी तैयारी बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (बीएसडीएमए) ने शुरू कर दी है. यह जानकारी शुक्रवार को ‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं क्षमता विकास’ विषय पर आयोजित कार्यशाला के दौरान बीएसडीएमए के उपाध्यक्ष व्यासजी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2017 5:54 AM
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आदेश के बाद बिहार प्रशासनिक सेवा के सभी अधिकारियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया जायेगा. इसकी तैयारी बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (बीएसडीएमए) ने शुरू कर दी है.
यह जानकारी शुक्रवार को ‘आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं क्षमता विकास’ विषय पर आयोजित कार्यशाला के दौरान बीएसडीएमए के उपाध्यक्ष व्यासजी ने दी. इस कार्यशाला का मकसद आपदा जोखिम घटाने और इस संबंध में अधिकारियों की क्षमता बढ़ाने के लिए रूपरेखा तैयार करना है. इसका आयोजन बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, बिहार लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास संस्थान (बिपार्ड) और यूनिसेफ ने संयुक्त रूप से किया.
कार्यशाला का उद्घाटन करने के बाद व्यासजी ने कहा कि हाल के वर्षों में बिहार ने आपदा के क्षेत्र में बेंचमार्क स्थापित किया है. अब आपदा पीड़ितों तक 24 घंटे में चेक पहुंचा दी जाती है. बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों को प्रशासन की रीढ़ माना जाता है. इसलिए यह अतिआवश्यक है कि प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों का आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं क्षमता विकास पर प्रशिक्षण कराया जाये.
बिहार में बाढ़ राहत कार्य की सराहना : बीएसडीएमए के सदस्य डॉ यूकेमिश्र ने कहा कि इस प्रशिक्षण का अर्थ है शिक्षण करना. प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को समझना चाहिए कि वह समाज की सेवा के लिए है. यदि इस नजरिये को अपना लिया जाये तो आपदा प्रबंधन एक सरल विषय हो जायेगा. गृृहरक्षा वाहिनी और अग्निशमन सेवा के महासमादेष्टा सह महानिदेशक पीएन राय ने कहा कि 2017 की बाढ़ में बिहार के सभी पदाधिकारियों ने बहुत ही सराहनीय काम किया है.
उन्होंने कहा कि बिहार प्रशासनिक सेवा के पदाधिकारियों की भूमिका किसी भी आपदा के समय बड़ी हो जाती है. बिपार्ड के महानिदेशक शशि शेखर शर्मा ने कहा कि किसी भी आपदा में स्थानीय समुदाय की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इसे किसी भी आपदा के समय पहला रिस्पांडर भी माना जाता है. सिविल डिफेंस के एडीजी अमरेन्द्र कुमार ने कहा कि कार्यशाला की अवधि में विस्तार होना चाहिए. आपदा के वक्त संचार का प्रबंधन और प्लानिंग सही रूप से होनी चाहिए.

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