बिहार बोर्ड : अब परीक्षार्थियों की फोटो व सिग्नेचर सूची से गायब, दोबारा करना पड़ सकता है रजिस्ट्रेशन

काम करने लगा पोर्टल दोबारा से करना पड़ रहा परीक्षार्थियों का रजिस्ट्रेशन पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2018 के परीक्षार्थियों के रजिस्ट्रेशन में सुधार करने व छूटे हुए परीक्षार्थियों के रजिस्ट्रेशन के लिए समिति द्वारा जारी किये गये पोर्टल के खुलते ही विद्यालयों के प्राचार्य और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 18, 2017 6:42 AM
काम करने लगा पोर्टल
दोबारा से करना पड़ रहा परीक्षार्थियों का रजिस्ट्रेशन
पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से मैट्रिक और इंटरमीडिएट वार्षिक परीक्षा 2018 के परीक्षार्थियों के रजिस्ट्रेशन में सुधार करने व छूटे हुए परीक्षार्थियों के रजिस्ट्रेशन के लिए समिति द्वारा जारी किये गये पोर्टल के खुलते ही विद्यालयों के प्राचार्य और परीक्षार्थियों की परेशानी बढ़ गयी है. क्योंकि दो दिनों से वह पोर्टल खुलने का इंतजार कर रहे थे. पर जब पोर्टल खुला, तो समिति द्वारा अपलोड की गयी रजिस्ट्रेशन सूची में परीक्षार्थियों की फोटो और सिग्नेचर ही गायब कर दिये गयेे हैं.
इसकी संख्या एक दो में नहीं है, बल्कि 85 फीसदी विद्यालयों में 60-80 फीसदी परीक्षार्थियों के रजिस्ट्रेशन विवरणी में फोटो और सिग्नेचर गायब हैं. एेसे में अब विद्यालयों के प्राचार्य को साइबर कैफे से जाकर दोबारा से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ रहा है. जबकि पूर्व में एजेंसी के माध्यम से रजिस्ट्रेशन संबंधी कार्य किया जा चुका है. अब उन रजिस्ट्रेशनों की सूची समिति के पोर्टल पर जारी कर विद्यालयों के प्राचार्यों द्वारा सुधार किया जाना है.
इसमें उन्हें स्पेलिंग मिस्टेक व विद्यालय कोड जैसी छोटी-मोटी गलतियों को फाइंड आउट कर सुधार किया जाना था. पर अब उस सूची में बच्चों की फोटो और सिग्नेचर नहीं होने से उन्हें दोबारा से रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी पड़ रही है.
लिया था शुल्क
पूर्व में समिति द्वारा रजिस्ट्रेशन संबंधी कार्य हेतु प्रति बच्चा ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुल्क समिति द्वारा जमा कराया गया था, जिसे एजेंसी के माध्यम से परीक्षार्थियों का रजिस्ट्रेशन कार्य पूरा किया जाना था. पर अब समिति द्वारा रजिस्ट्रेशन कार्य पूरा करने के बाद उसमें सुधार करने हेतु विद्यालयों के प्राचार्य को जिम्मेवारी सौंपी गयी है. ऐसे में अब बिहार के वैसे जिले जहां, विद्यालयों में कंप्यूटर सुविधा नहीं है. उन्हें साइबर कैफे का सहारा लेना पड़ रहा है.
बच्चों की विवरणी दोबारा से अपलोड करने पर प्रति घंटा साइबर कैफे उनसे 50 से 100 रुपये वसूल रहे हैं. इसके लिए अब बच्चों को फिर से पैसे खर्च करने पड़ रहे हैं. वहीं, इंटर की सेंटअप परीक्षा दे रहे छात्रों को दोबारा से रजिस्ट्रेशन संबंधी कार्य में लगाया जा रहा है, जिससे उनकी पढ़ाई भी बाधित हो रही है. क्योंंकि समिति द्वारा जारी विवरणी की जांच परीक्षार्थियों द्वारा की जानी है.
हार्ड कॉपी में है सिग्नेचर
हमारे विद्यालय में 101 बच्चों में से मात्र एक बच्चे की ही फोटो और सिग्नेचर है. शेष 100 छात्रों की न तो फोटो मिल रही है आैर न ही सिग्नेचर. जबकि रजिस्ट्रेशन के दौरान प्रिंट आउट के रूप में दिये गये चेकलिस्ट की हार्ड कॉपी में फोटो और सिग्नेचर मौजूद है.
श्री बापू इंटर स्कूल, प्रभारी प्रधानाध्यापक, कोचगांव, नवादा

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