पटना : बिहार बोर्ड अपने कारनामों को लेकर एक बार फिर सुर्खियों मेंआ गया है. बोर्ड की एक और बड़ी लापरवाही सामने आयी है. मामला रोहतास जिले के छात्र धनंजयसेजुड़ाहै.छात्र को हिंदी में 79 अंक मिले थे, लेकिन उन्हें सर्टिफिकेट पर दो अंक देते हुए फेल कर दिया गया. छात्र धनंजय ने आरटीआई के जरिये यह जानकारी हासिल की तो बोर्ड की बड़ी लापरवाही उजागर हुई.
I wanted to become an IITian. My dreams are shattered now. I wanted to commit suicide but my family helped me: BSEB Class 10th student Dhananjay Kumar pic.twitter.com/USzvlTnL6Z
— ANI (@ANI) November 18, 2017
बिहार के रोहतास जिले के छात्र धनंजयद्वारा अपने साथ हुए इस अन्यायकोलेकर जब बिहार बोर्ड के अधिकारी से शिकायत की गयी तो कोई भी सुनने को तैयार नहीं था. फिर धनंजय को आरटीआई के जरिए यह जानकारी मिली कि उनके हिंदी में 79 नंबर आये थे. इसके बाद उन्होंने अपना रिजल्ट सुधरवाने के लिए बिहार बोर्ड के चक्कर लगाना शुरू कर दिया. मीडिया में खबर आने के बाद अधिकारियों की नींद खुली और धनंजय का नया रिजल्ट प्रकाशित किया गया.
As per RTI, my brother scored 84.2%, 421 marks out of 500. Earlier, they gave him 2 numbers in Hindi instead of 79, reducing total marks to 344. He is declared failed. We have been running to authorities since past six months. He is not able to study properly: Dhananjay’s brother pic.twitter.com/evd1hgTrvW
— ANI (@ANI) November 18, 2017
धनंजय कुमार केमुताबिक वह आइआइटी में दाखिला लेना चाहता था, लेकिन उसका सपना टूट गया. उसने तो सुसाइड करने की ठान ली थी, लेकिन परिवार वालों ने उसकी मदद की. वहीं न्यूज एजेंसी के मुताबिक, रोहतास के रहने वाले धनंजय के भाई ने बताया, आरटीआई लगाने से पता चला कि मेरे भाई के 500 में 421 नंबर थे. उसने 84.4प्रतिशत मार्क्स हासिल किए थे. पहले उसे हिंदी में 79 की जगह 2 नंबर दियेगये थे. इससे उसके टोटल मार्क्स कम होकर 344 हो गये. उसे फेल बता दिया गया.
मालूम हो कि अभी कुछ महीने पहले सहरसा के सिमरी बख्तियारपुर की प्रियंका कुमारी ने बिहार बोर्ड के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दर्ज कराया था. इसके बाद उसे न्याय मिला और सेकेंड टॉपर घोषित किया गया था. मीडिया में खबर भी प्रमुखता से आने के बाद प्रियंका को न्याय मिला.