हाथोंहाथ मिलने की प्रक्रिया खत्म होगी
प्रमोद झा
पटना : पड़ोसी राज्य की तरह यहां भी ड्राइविंग लाइसेंस को आवेदक के दिये गये घर के पते पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था पर परिवहन विभाग मंथन कर रहा है. पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश में छह माह से यह व्यवस्था लागू है. जहां आवेदक को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ (यहां डीटीओ) का चक्कर नहीं लगाना पड़ता है.
इस व्यवस्था से ड्राइविंग लाइसेंस बनवानेवाला गलत आवासीय पता देकर प्रशासन को झांसे में नहीं रख सकता है. यही व्यवस्था नये वाहन के रजिस्ट्रेशन पेपर को लेकर है. नये वाहन खास कर व्यावसायिक वाहन के रजिस्ट्रेशन के समय मालिक द्वारा ऐसे पता भरे जाते हैं, जहां कोई कागजात भेजने पर वह बैरंग लौट जाता है.
इस तरह की कई घटनाएं डीटीओ कार्यालय में पहले घटित हुई हैं. खासकर व्यावसायिक वाहन के सर्टिफिकेट केस की स्थिति में डाकिया को वाहन मालिक का घर ढूंढने पर नहीं मिला. थक-हार कर डाकिया को सर्टिफिकेट केस संबंधित नोटिस डीटीओ कार्यालय को लौटाना पड़ा. कई मालिक पर वाहन का टैक्स बकाया है, लेकिन सही पता नहीं रहने की स्थिति में विभाग वसूल नहीं पा रहा है. इससे बचने के लिए विभाग नयी व्यवस्था पर विचार कर रही है. अब नये वाहन के रजिस्ट्रेशन पेपर के लिए आवेदक से स्व पता लिखा लिफाफा लिये जाने का प्रावधान होगा.
विभाग कर रहा मंथन
विभाग ड्राइविंग लाइसेंस व वाहन के रजिस्ट्रेशन पेपर को आवेदक के घर पर उपलब्ध कराने के संबंध में मंथन कर रहा है. इस प्रस्ताव पर निर्णय लिया जा रहा है. चुनाव के कारण इसमें अड़चनें आ रही है. चुनाव संपन्न होने के बाद अंतिम रूप से विचार होगा.