पटना : प्रदेश में बालू-गिट्टी की समस्या एक दिसंबर से दूर हो जायेगी. सरकारी देखरेख में एक दिसंबर से पूरे प्रदेश में बालू-गिट्टी को बेचने की तैयारी अंतिम चरण में है. थोक के साथ खुदरा में भी बालू-गिट्टी की बिक्री के लिए व्यवस्था की जा रही है.
इसके लिए सभी तैयारियों को पूरा करने की डेडलाइन 28 नवंबर तय की गयी है. 29 नवंबर को तैयारियों की समीक्षा के बाद पायी जाने वाली कमियों को 30 नवंबर तक दूर कर लिया जायेगा. इसके बाद प्रदेश में एक दिसंबर से नयी व्यवस्था के तहत बालू-गिट्टी का थोक व खुदरा कारोबार सुचारु तरीके से शुरू हो जायेगा.
खान एवं भूतत्व विभाग ने बालू-गिट्टी की दरें तय कर दी हैं. साथ ही सभी जिलों में बालू-गिट्टी का डिपो बनाने, उनमें प्रशिक्षित अधिकारियों को नियुक्त करने, वहां इलेक्ट्रॉनिक धर्मकांटा लगाने और वाहनों पर जीपीएस लगवाने का काम तीव्रता से पूरा करने का दायित्व खान एवं भूतत्व विभाग को दिया है. पटना जिले में बालू-गिट्टी की बिक्री के लिए विभाग ने रानी तालाब थाना क्षेत्र के निसरपुरा गांव में बिहार राज्य खनन कॉरपोरेशन लिमिटेड का एक डिपो बनाया गया है.
अवैध खनन रोकने में उपग्रह की ली जायेगी मदद
प्लॉटों में नियमानुसार खनन हो रहा है या नहीं, इसकी मॉनीटरिंग के लिए उपग्रह की मदद ली जायेगी. साथ ही अत्याधुनिक उपकरणों से लैस विभाग के अधिकारी समय-समय पर घाटों का निरीक्षण भी करेंगे. इसमें यह देखा जायेगा कि बालू का खनन निर्धारित एरिया में हुआ है या नहीं. साथ ही वहां से भंडारण स्थल तक इसकी ढुलाई के लिए इस्तेमाल की जाने वाली गाड़ियों के बारे में भी जानकारी ली जायेगी. दोनों जगह से जुटाये गये आंकड़ों की समीक्षा होगी, जिसके आधार पर यह तय होगा कि बालू खनन में नियमों का उल्लंघन हुआ है या नहीं.
घाट से उपभोक्ताओं तक पहुंचाना होगा बालू
बालू के खुदरा विक्रेताओं को लाइसेंस देने का काम 28 नवंबर तक पूरा हो जायेगा. इन विक्रेताओं के बारे में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि नदी घाट से उपभोक्ताओं तक बालू पहुंचाने की जिम्मेदारी उनकी ही है. इसके साथ ही नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. इसके लिए नयी खनन नियमावली में व्यापक प्रावधान किये गये हैं. इसके अनुसार अब एक से पांच लाख रुपये तक जुर्माना, पांच साल तक कैद और बंदोबस्त व लाइसेंस रद्द करने तक की कार्रवाई हो सकती है.
हर हाल में डेडलाइन का पालन
खान एवं भूतत्व विभाग के विशेष सचिव सह निदेशक असंगबा चुबा आओ ने कहा कि नये नियमों और अत्याधुनिक उपकरणों के बारे में सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है.
जिलों में बालू डिपो बनाये जा रहे हैं और खुदरा विक्रेताओं को लाइसेंस दिया जा रहा है. विभाग की तैयारी अंतिम चरण में है. एक दिसंबर से हर हाल में मानकों के अनुसार बालू-गिट्टी का थोक और खुदरा बिक्री शुरू हो जायेगी.