बिहार : नोटबंदी के बाद टैक्स चोरों पर बड़ी कार्रवाई, अक्तूबर तक 1300 करोड़ हुए जब्त, 4 पर मुकदमा भी दर्ज

पटना : नोटबंदी के बाद से बड़ी संख्या में टैक्स चोरी करने वाले पकड़े जा रहे हैं. इनकम टैक्स की लगातार चल रही कार्रवाई के कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक दोगुना से ज्यादा टैक्स चोर पकड़े गये हैं. पिछले वर्ष जहां 20-30 सर्च ऑपरेशन ही हुए थे. इस वर्ष अब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2017 6:17 AM
पटना : नोटबंदी के बाद से बड़ी संख्या में टैक्स चोरी करने वाले पकड़े जा रहे हैं. इनकम टैक्स की लगातार चल रही कार्रवाई के कारण पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अब तक दोगुना से ज्यादा टैक्स चोर पकड़े गये हैं. पिछले वर्ष जहां 20-30 सर्च ऑपरेशन ही हुए थे.
इस वर्ष अब तक सर्च ऑपरेशन का यह आंकड़ा 40 के पार हो गया है. नोटबंदी की घोषणा के पहले तक टैक्स में हेराफेरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की रफ्तार धीमी थी. इस समय अवधि तक महज 400 करोड़ रुपये ही ब्लैकमनी जब्त की जा सकी थी. परंतु नोटबंदी के बाद इस आंकड़े में काफी उछाल आ गया और अंतिम चार महीने में 1400 करोड़ रुपये ब्लैक मनी जब्त कर ली गयी. मौजूदा वित्तीय वर्ष में इसकी रफ्तार और भी तेज रही है.
इस वर्ष अक्तूबर तक 1300 करोड़ रुपये जब्त किये जा चुके हैं. इसकी तुलना पिछले वर्ष के अक्तूबर तक के आंकड़ों से करें, तो यह तीन गुना से भी ज्यादा है. अगर पूरे वर्ष की कार्रवाई की बात की जाये, तो पिछले वर्ष 1802 करोड़ ब्लैक मनी जब्त किये गये थे.
नोटबंदी के बाद से बड़ी संख्या में पकड़े जा रहे टैक्स चोर, आयकर विभाग की कार्रवाई भी हुई तेज
लगातार हो रही कार्रवाई के कारण पिछले साल की तुलना में दोगुना से ज्यादा जब्त हुई ब्लैक मनी
बिहार के चार बड़े टैक्स चोरों के खिलाफ आयकर ने दर्ज करा रखा मुकदमा भी
टैक्स चोरी पर सख्त कार्रवाई
अब आयकर विभाग टैक्स चोरों के खिलाफ जोरदार और सख्त कार्रवाई कर रहा है. इसी का नतीजा है कि इस वर्ष बिहार के चार बड़े टैक्स चोरों के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज किया गया. फिलहाल इस मामले की सुनवाई न्यायालय में चल रही है. इस बात की पूरी संभावना व्यक्त की जा रही है कि इन्हें कम से कम सात साल की सजा हो जायेगी. इसमें भागलपुर के व्यापारी अभिषेक ढानढनिया के अलावा दरभंगा के डॉ राजन चौधरी, ममता मिश्रा समेत एक अन्य डॉक्टर शामिल हैं.
कैश के बजाय निवेश पर ज्यादा जोर
टैक्स चोरी का ट्रेंड भी बदला है. अब आयकर की बड़ी से बड़ी छापेमारी के दौरान भी बेहद कम मात्रा में कैश सीज होते हैं. इसकी अपेक्षा जमीन-जायदाद, रियल स्टेट, बोगस कंपनियों और अन्य तरह के बोगस निवेश के कागजात बड़ी संख्या में मिलते हैं. बिहार और झारखंड में जितनी भी छापेमारी होती है, उनमें ये बातें सामने आयी हैं.
इस तरह बढ़ी कार्रवाई
इस वर्ष आयकर विभाग की कार्रवाई की दर में काफी बढ़ोतरी हुई है. पिछले वर्ष छापेमारी के दौरान 190 करोड़ कैश और एक करोड़ की ज्वेलरी पकड़ी गयी. कुल टैक्स चोरी के 1802 करोड़ की वसूली की गयी थी. इस वर्ष अब तक 142 करोड़ रुपये कैश, तीन करोड़ की ज्वेलरी के अलावा 1357 करोड़ रुपये टैक्स चोरी में फाइन समेत वसूली की जा चुकी है.
बिहार में इस वर्ष जो बड़े सर्च हुए हैं, इसमें दरभंगा का मैक्स-7 हॉस्पिटल ग्रुप, सीतामढ़ी का प्रसाद ज्वेलरी, पटना का गौरव राइस एंड फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्रीज, गोल एजुकेशन सर्विस, हाजीपुर का लिच्छवी फूड और दरभंगा का डॉ बीएन मिश्रा एंड मिश्रा पॉली क्लिनिक एवं आरबी मेमोरियल शामिल हैं.

Next Article

Exit mobile version