दो साल से जिले में नहीं बना एक भी पक्का मकान
पटना : केंद्र सरकार की कई योजनाएं हैं, जिनके तहत हर राज्य में मनरेगा व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को घर व रोजगार मिलना है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शौचालय का निर्माण होना है, लेकिन इन योजनाओं में लापरवाही व गड़बड़ी की गयी है. इसकी जांच जिलाधिकारी […]
पटना : केंद्र सरकार की कई योजनाएं हैं, जिनके तहत हर राज्य में मनरेगा व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को घर व रोजगार मिलना है. स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में शौचालय का निर्माण होना है, लेकिन इन योजनाओं में लापरवाही व गड़बड़ी की गयी है. इसकी जांच जिलाधिकारी के नेतृत्व में डीडीसी व एसडीओ करेंगे. ये बातें मंगलवार को केंद्रीय राज्य मंत्री ग्रामीण विकास मंत्रालय रामकृपाल यादव ने समाहरणालय में आयोजित जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति की बैठक के बाद प्रेस वार्ता में कहीं.
उन्होंने कहा कि समीक्षा के क्रम में यह बात सामने आयी कि मनरेगा में नियम एवं तय मानक को दरकिनार कर काम कराया गया है. इसमें बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई है. वहीं, प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बिहार में 16 लाख पक्के मकान का निर्माण कराने का लक्ष्य रखा गया है. लेकिन पटना में 2016-17 एवं 2017-18 में 43 हजार पक्के मकान बनाये जाने थे, लेकिन अभी तक पटना में एक भी पक्का मकान नहीं बना है. श्री यादव ने कहा कि मनरेगा व प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत होने वाले कार्य की मॉनीटरिंग की जाये और टीम बना कर मामले की जांच हो, ताकि मनरेगा में हुई गड़बड़ी की जांच हो सके.
50 हजार पेंशनधारियों काे नहीं मिली पेंशन : केंद्र सरकार की पेंशन याेजना के तहत मिलने वाला पेंशन पिछले कई महीने से 50 हजार से अधिक पेंशनधारियों को नहीं मिल रहा है.
इस कारण से यह निर्देश दिया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कैंप लगा कर लोगों के बीच पेंशन का बंटवारा किया जाये. प्रधानमंत्री सड़क योजना का कार्य भी काफी धीमा है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सड़क योजना का काम समय से पूरा करें.
बिहार में शौचालय निर्माण का काम धीमा : स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीण-शहरी क्षेत्रों में कार्य की गति धीमी है.शौचालय निर्माण में जहां अब तक 72 प्रतिशत काम हुआ है. उसके मुकाबले बिहार में मात्र 34 प्रतिशत और पटना में 53 प्रतिशत काम हुआ है. इसलिए बिहार को खुले में शौच से मुक्त कराने में समय लगेगा. केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने कहा कि ओडीएफ के अभियान में सभी लोग मिल कर काम नहीं करेंगे, तो लोगों की सोच नहीं बदलेगी. उन क्षेत्रों में विशेष मॉनीटरिंग की जरूरत है़