खुले में शौच की जांच का काम मिलने से गुस्से में हैं बिहार के शिक्षक

पटना: बिहार के कुछ जिलों में स्कूल शिक्षकों को खुले में शौच को लेकर लोगों को समझाने और ना मानने वालों की तस्वीरें लेने का काम सौंपे जाने के निर्देश पर विवाद शुरू हो गया है. प्रखंड शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षकों से सुबह और शाम के समय विभिन्न वार्डों और पंचायत इलाकों में चक्कर लगाने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2017 1:31 PM

पटना: बिहार के कुछ जिलों में स्कूल शिक्षकों को खुले में शौच को लेकर लोगों को समझाने और ना मानने वालों की तस्वीरें लेने का काम सौंपे जाने के निर्देश पर विवाद शुरू हो गया है. प्रखंड शिक्षा अधिकारियों ने शिक्षकों से सुबह और शाम के समय विभिन्न वार्डों और पंचायत इलाकों में चक्कर लगाने और लोगों से शौचालय का इस्तेमाल करने का अनुरोध करने का आदेश दिया है. आदेश में समझाने के बावजूद खुले में शौच करने वालों को शर्मिंदा करने के लिए फोटो खींचने की भी बात कही गयी है.

हालांकि, शिक्षक काम के अतिरिक्त बोझ को लेकर खुश नहीं हैं. बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने बताया, शिक्षकों पर पहले से ही काम का बोझ बहुत अधिक है. जनगणना, मतदाता सूची तैयार करने जैसे गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों को लगाया जाता है. खुले में शौच जांच का आदेश ना केवल अतिरिक्त कार्य है बल्कि यह उनके सम्मान को भी ठेस पहुंचाता है. हालांकि, राज्य शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन प्रसाद वर्मा ने इस पहल का बचाव करते हुये कहा, शिक्षक बौद्धिक होते हैं और दूसरे लोगों की तुलना में वे लोगों को खुले में शौच नहीं करने को लेकर समझाने में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें-
अब खुले में शौच पर होगा शिक्षकों का पहरा, बिहार सरकार ने जारी किया फरमान, पढ़ें पूरा मामला

Next Article

Exit mobile version