आंतकवाद की तर्ज पर हो नक्सलावाद पर कार्रवाई – बिट्टा
पटना: अखिल भारतीय आतंकवादी फ्रंट के अध्यक्ष महेंद्र सिंह बिट्टा ने आज कहा कि पंजाब और जम्मू -कश्मीर में आंतकवाद के खिलाफ जिस प्रकार की कार्रवाई की गयी वैसी ही कार्रवाई देश में नक्सलावाद के खिलाफ की जानी चाहिए. पटना में आज पत्रकारों से बात करते हुए बिट्टा ने कहा कि पंजाब और जम्मू-कश्मीर में […]
पटना: अखिल भारतीय आतंकवादी फ्रंट के अध्यक्ष महेंद्र सिंह बिट्टा ने आज कहा कि पंजाब और जम्मू -कश्मीर में आंतकवाद के खिलाफ जिस प्रकार की कार्रवाई की गयी वैसी ही कार्रवाई देश में नक्सलावाद के खिलाफ की जानी चाहिए.
पटना में आज पत्रकारों से बात करते हुए बिट्टा ने कहा कि पंजाब और जम्मू-कश्मीर में आंतकवाद के खिलाफ जिस प्रकार की कार्रवाई की गयी वैसी ही कार्रवाई देश में नक्सलावाद के खिलाफ की जानी चाहिए.
नक्सलवाद के खिलाफ सेना के साथ अन्य पुलिस बलों का इस्तेमाल किए जाने की वकालत करते हुए बिट्टा ने कहा कि पंजाब और जम्मू-कश्मीर में धार्मिक स्थलों के भीतर प्रवेश कर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की गयी वैसे में नक्सलवाद के खिलाफ ऐसी कार्रवाई किए जाने में हिचकिचाहट क्यों हो रही है.
उन्होंने छत्तीसगढ नक्सली हमले की चर्चा करते हुए उसमें खुफिया तंत्र की विफलता का आरोप लगाते हुए कहा कि जिस रास्ते से काफिला गुजरा उसके बारे में खुफिया एजेंसियों ने सही जानकारी क्यों नहीं दी. बिट्टा ने कहा कि छत्तीसगढ की वर्तमान सरकार का कार्यकाल पूरा होने पर वहां तीन साल के लिए राष्ट्रपति शासन लगाकर सीआरपीएफ के महानिदेशक के विजय कुमार को नक्सलियों के खिलाफ कार्रवाई की खुली छूट दे दी जानी चाहिए.
उन्होंने देश में लोगों की लाशों के पर राजनीति होने का आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसा कैसे हो सकता है कि सैकडों की संख्या में नक्सली एक जगह इकठ्ठा हुए हों और इसकी जानकारी किसी को नहीं हो. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या भी खुफिया एजेंसियों की विफलता का परिणाम था.
महेंद्र सिंह बिट्टा ने कहा कि ऐसे नौकरशाहों के खिलाफ को न तो आजतक कोई कारवाई हुई बल्कि उनमें से एक तो आज एक प्रदेश के राज्यपाल के पद पर आसीन हैं. यह पूछे जाने पर आज देश को कैसे शासक की जरुरत है बिट्टा ने कहा कि आज इंदिरा गांधी जैसे नेता की जरुरत है. स्पॉट फिक्सिंग के बारे पूछे जाने पर बिट्टा ने कहा कि इसको लेकर पूरी दुनिया में देश की छवि धूमिल हो रही है.उन्होंने बीसीसीआई अध्यक्ष एन श्रीनिवासन से अपना पद छोड देने की मांग करते हुए कहा कि वे कुर्सी से चिपककर क्यों बैठे हैं उन्हें इस्तीफा देने में तकलीफ क्यों हो रही है.