पटना एयरपोर्ट : स्टील फ्रेम व टफेन ग्लास से बनेगा स्थायी स्ट्रक्चर….जानिए क्या होगा फायदा
पटना : नवंबर से जनवरी तक घने धुंध व कुहासे के कारण विमानों के लैंडिंग और टेकऑफ में अक्सर देरी होती है. टर्मिनल भवन में जानेवाले यात्रियों की भीड़ लग जाती है और बोर्डिंग में परेशानी होती है. इस समस्या को दूर करने के लिए पहले अस्थायी और बाद में स्थायी स्ट्रक्चर के निर्माण की […]
पटना : नवंबर से जनवरी तक घने धुंध व कुहासे के कारण विमानों के लैंडिंग और टेकऑफ में अक्सर देरी होती है. टर्मिनल भवन में जानेवाले यात्रियों की भीड़ लग जाती है और बोर्डिंग में परेशानी होती है.
इस समस्या को दूर करने के लिए पहले अस्थायी और बाद में स्थायी स्ट्रक्चर के निर्माण की घोषणा पिछले पखवाड़े एयरपोर्ट ऑथिरिटी ऑफ इंडिया के क्षेत्रीय कार्यपालक निदेशक केएल शर्मा ने की थी, स्थायी स्ट्रक्चर के निर्माण की टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी गयी है. यह स्टील फ्रेम व कांच से निर्मित होगा. इसकी लंबाई 15 व चौड़ाई 14 फुट होगी और कुल 210 वर्गमीटर में फैला होगा. स्ट्रक्चर को बनाने में सामान्य ग्लास की जगह टफेन ग्लास का इस्तेमाल किया जायेगा, क्योंकि उस पर दबाव, गर्मी व ठंढ़क का असर कम पड़ता है. साथ ही, टूटने के बाद भी उसके स्पलेंडर छिटक कर दूर नहीं जाते बल्कि भूरभूरा कर वहीं गिर जाते हैं़ टिलटेड ग्लास भी लगाने की योजना है. यदि महंगे होने के कारण यह नहीं लगाया जा सका तो सन स्क्रीन फिल्म का इस्तेमाल होगा.
6 महीने में तैयार करने का प्रयास
स्थायी स्ट्रक्चर स्टील और ग्लास का होगा. हम इसे छह महीने में तैयार करने का प्रयास करेंगे.
आरएस लाहौरिया, निदेशक, पटना एयरपोर्ट
165 वर्गमीटर का पीसीसी स्ट्रक्चर बनेगा
वर्तमान टर्मिनल भवन के भीतर यात्रियों के बैठने की जगह बढ़ाने के लिए प्रथम मंजिल पर 165 वर्गमीटर का नया पीसीसी स्ट्रक्चर बनाने का भी निर्णय लिया है. 16 मीटर लंबे और 11 मीटर चौड़े इस हॉल में 70-80 लोगों के बैठने की व्यवस्था की जायेगी. इस कार्य के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है और जल्द ही इसका निर्माण भी शुरू हो जायेगा.
अस्थायी स्ट्रक्चर वाली जगह पर ही लगाया जायेगा स्ट्रक्चर
अस्थायी स्ट्रक्चर हटने के बाद उसी जगह स्थायी स्ट्रक्चर को लगाया जायेगा. स्थायी स्ट्रक्चर लगने के बाद वर्तमान इंट्री प्वाइंट को बंद कर दिया जायेगा और स्टील स्ट्रक्चर से ही होकर ही यात्रियों का टर्मिनल भवन में प्रवेश होगा. इससे टर्मिनल भवन के भीतर जगह और भी बढ़ जायेगी. वहां यात्रियों की सुविधा के लिए नये एक्सरे बैगेज मशीन और बोर्डिंग प्वाइंट बनाने की भी योजना है.