बिहार : अकादमियों में न स्थायी अध्यक्ष, न ही निदेशक
अनदेखी : राज्य की कई भाषायी अकादमियां बेहाल, पंचम वेतनमान से कर्मी कर रहे संतोष पटना : राज्य की कई भाषायी अकादमियां बेहाल हैं. यहां न तो स्थायी अध्यक्ष हैं और न ही स्थायी निदेशक. आधे से ज्यादा अकादमी प्रभार पर चल रही हैं. इन अकादमियों में काम कर रहे कर्मचारियों को वेतन के लिए […]
अनदेखी : राज्य की कई भाषायी अकादमियां बेहाल, पंचम वेतनमान से कर्मी कर रहे संतोष
पटना : राज्य की कई भाषायी अकादमियां बेहाल हैं. यहां न तो स्थायी अध्यक्ष हैं और न ही स्थायी निदेशक. आधे से ज्यादा अकादमी प्रभार पर चल रही हैं. इन अकादमियों में काम कर रहे कर्मचारियों को वेतन के लिए भी दो से छह महीने तक का इंतजार करना पड़ रहा है.
राज्य सरकार के कर्मचारियों को सातवां वेतनमान का लाभ मिलने लगा है, जबकि अकादमी के कर्मचारियों को पांचवें वेतनमान ही मिल रहा है. राज्य में संस्कृत, भोजपुरी, बांग्ला, अंगिका, मगही, मैथिली अकादमी प्रभार में चल रही हैं. शिक्षा विभाग के एक अधिकारी पर तीन-तीन अकादमी का प्रभार है. वहीं, मैथिली अकादमी के प्रभारी अध्यक्ष व निदेशक के सेवानिवृत्त होने के बाद यह बिना प्रभार के ही चल रही है.
इसके अलावा अकादमियों में कर्मचारी भी गिने-चुने ही बचे हैं. अकादमियों ने राज्य सरकार से कई बार छठा वेतनमान की मांग की, लेकिन अबतक उनकी मांगों पर अमल नहीं किया गया है. वेतन के मामले में फंसे पेंच को खत्म करने के लिए तीन बार कमेटी भी बनी, लेकिन अब तक उसकी रिपोर्ट नहीं आ सकी है.
भाषा का विकास मुख्य काम
सभी अकादमियों का मुख्य काम संबंधित भाषा का विकास करना है. जिस भाषा की अकादमी है उसे उस भाषा के साहित्य व संस्कृति का प्रचार-प्रसार करना होता है. इसमें संबंधित भाषा की किताबें भी छपवायी जाती हैं. इसमें एकेडमिक के साथ-साथ साहित्य की किताबें छापी जाती हैं.
नहीं आयी कमेटी की रिपोर्ट
भाषायी अकादमियों को शिक्षा विभाग की ओर से दिये जा रहे सहायक अनुदान से जुड़े मामलों की जांच के लिए शिक्षा विभाग ने तीन सदस्यीय कमेटी जुलाई में ही बनायी थी. कमेटी में उपसचिव उपेंद्र नारायण महतो, अवर सचिव सुधीर कुमार सिंह और वरीय अंकेक्षक अशोक कुमार को रखा गया था. कमेटी को दो माह में रिपोर्ट देनी थी, लेकिन अब तक रिपोर्ट नहीं आ सकी है.
वहीं, कमेटी को अब पूर्व में दिये गये अनुग्रह नारायण सिन्हा समाज अध्ययन संस्थान के कर्मचारियों के वेतन में खर्च होने वाली राशि के खर्च होने की जांच का निर्देश दिया गया है.
अकादमियों में कर्मचारी : मैथिली : तीन, मगही : तीन, भोजपुरी : नौ, दक्षिण भारतीय भाषा : आठ, संस्कृत : आठ, बांग्ला : चार, अंगिका : एक भी नहीं
प्रभार में चल रहीं अकादमी
-संस्कृत अकादमी : अध्यक्ष सह निदेशक, राधा शर्मा, उच्च शिक्षा की उपनिदेशक
-भोजपुरी अकादमी : अध्यक्ष सह निदेशक, देवशील उच्च शिक्षा के उपनिदेशक
-बांग्ला अकादमी : अध्यक्ष सह निदेशक, देवशील उच्च शिक्षा के उपनिदेशक
-अंगिका अकादमी : निदेशक, देवशील उच्च शिक्षा के उपनिदेशक
-मगही अकादमी : अध्यक्ष सह निदेशक, रविभूषण सहाय, शिक्षा विभाग
-मैथिली अकादमी : अध्यक्ष सह निदेशक, कमलेश झा उच्च शिक्षा के उपनिदेशक, सेवानिवृत्ति के बाद है खाली