पटना : बिहार में नक्सली आंदोलन लगातार बैक-फूट पर जा रहा है. केंद्रीय रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) और कोबरा फोर्स के विशेष अभियान के कारण नक्सलियों की कमर पूरी तरह से टूट गयी है. उत्तरी बिहार के सभी जिलों और मगध जोन पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो चुका है. मगध इलाके में जीटी रोड के उत्तरी क्षेत्र से नक्सलियों का पूरी तरह से सफाया हो गया है. अब बिहार के बचे हुए इलाकों से भी इनका 50 फीसदी सफाया हो चुका है. जल्द ही पूरे बिहार से नक्सलियों का सफाया कर दिया जायेगा. वर्तमान में छह जिलों में ही मुख्य रूप से नक्सली गतिविधि सिमट गयी है. इसमें गया, जमुई, लखीसराय, औरंगाबाद, नवादा और कैमूर शामिल हैं. यह जानकारी सीआरपीएफ के आइजी एमएस भाटिया ने सीआरपीएफ के सेक्टर मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में कहीं.
उन्होंने कहा कि नक्सलियों के बड़े कमांडर के खिलाफ विशेष तौर पर अभियान चलाये जा रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी करना मुख्य मकसद है. इसके लिए अलग-अलग तरह से रणनीति तैयार करके कार्रवाई की जा रही है. सुरक्षा बलों की कार्रवाई का मुख्य फोकस अंतर-राज्यीय सीमा और सुदूरवर्ती इलाके हैं. नक्सली सीमा का फायदा भागने के लिए उठाते हैं. जबकि, सुदूरवर्ती इलाकों का फायदा छिपने के लिए करते हैं. इन स्थानों को चिह्नित करके गहन छापेमारी अभियान लगातार जारी है. आइजी ने कहा कि इस वर्ष अभी तक कोई बड़ी नक्सली वारदात या हमला नहीं हुई है.
इसका साफ मतलब है कि उनका आंदोलन सफाये के कगार पर है. सुरक्षा बलों के प्रहार से नक्सल लगातार बैकफूट पर जा रहे हैं. आइजी ने कहा कि लखीसराय में सुरक्षा बलों की सजगता के कारण ही बम बरामद हो सका और एसपी का काफिला सुरक्षित बच सका. नक्सली कई स्थानों पर बम लगाकर छोड़ देते हैं और बाद में जरूरत पड़ने पर इसमें तार लगाकर विस्फोट करते हैं. सीआरपीएफ के लगातार सर्च ऑपरेशन के कारण ही इसकी बरामदगी हो सकी है.
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