पटना : कहते हैं कि सियासत में राजनेता सत्ता का रास्ता एक और तरीके सेतय करते हैं. वह रास्ता होता है विवादास्पद मुद्दे को वक्त के हिसाब से लपक लेनेका. उसके बाद बयानबाजी का एक ऐसा दौरा शुरू करना कि सारे सरोकारी मुद्दे सिमट जाएं और विवादास्पद मुद्दा फ्रंट पर आ जाये. कुछ ऐसा ही हो रहा है. संजय लीला भंसाली की विवादों में घिरी फिल्म ‘पद्मावती’ के साथ. ‘पद्मावती’ अब पर्दे पर दिखने वाली फिल्म नहीं रही है, विवादों ने इसे ऐसे अपने चंगुल में लिया है कि यह फिल्म अब सियासतकरनेवालों के लिए हॉट केक बन गयी है. संजय लीला भंसाली ने इसकी स्क्रिप्ट लिखते वक्त यह नहीं सोचा होगा कि राजनेता इस फिल्म की और भी कई विवादास्पद कहानी लिख डालेंगे. हुआ कुछ ऐसा ही. बिहार विधानसभा में, जहां नेता सत्र के दौरान आम कपड़े में पहुंचतेहैं, आज भाजपा के एक विधायक राजपूतानापगड़ी के साथ ‘पद्मावती’ काविरोध करने पहुंच गये.
बिहार के सुपौल जिले के छातापुर से भाजपा विधायक नीरज कुमार सिंह जब विधानसभा में राजपूताना पगड़ी और यूपी नेता आजम खान के साथ फिल्म के निर्माता भंसाली की तस्वीरों पर जूते-चप्पल की माला लेकर पहुंचे, तो वहां का माहौल बदल गया. कभी चर्चा में नहीं रहने वाले विधायक के चहरे पर कैमरे के फ्लैश चमकने लगे. मीडिया के कैमरों ने विधायक को घेर लिया और ‘पद्मावती’ बिहार विधानसभा में भी हॉट केक बन गयी. विधायक के बयान लिये जाने लगे. लोगों ने अलग-अलग ले जाकर विधायक से बातचीत की. अपने-अपने चैनलों के लिए विधायक की बाइट(स्टेटमेंट) लेनी शुरू कर दी. विधायक खुश थे, उनका मुद्दा हिट रहा, उन्होंने चैनलों को गरजते हुए कहा कि राजपूत देश के लिए बली देना जानते हैं, तो बली लेना भी जानते हैं.
विधायक नीरज सिंह यूपी नेता आजम खान की तस्वीर को अपनी कार के पीछेलगायाथा, तस्वीर जूते-चप्पलों की माला के साथ सजी हुई थी औरतस्वीरमें भंसाली भी हमेशा की तरह च्यूंगम खाते दिख रहे थे. नीरज कुमार सिंह ने आजम खान पर जमकर अपनी भड़ास निकाली और कहा कि पगड़ी हमारी शान है. इससे पूर्व बयानों से विवादों में घिरे रहने वाले आजम खान नेरामपुरकी एक चुनावी सभा में पद्मावती को लेकर कहा था कि यह कैसी राजगीरी है, एक फिल्म में डांस करने वाली ‘नचनिया’ से डर गये. बड़ी-बड़ी पगड़ियां लगाकर फिल्मों का विरोध कर रहे हैं. फिल्मों की मुखालिफत नहीं की जाती है, मजे लिए जाते हैं.आजम खान यही नहीं रुके थे, उन्होंनेराजपूतों पर बोलते हुए यह भी कहदियाकि वो कल तक अंग्रेजों के बस्ते उठाया करते थे.अंग्रेजों के सम्मान में झुक कर 40 सलाम करते थे. आज विरोध कर रहे हैं.
आजम की बात जैसे भी विधायक नीरज कुमार सिंह को चुभ गयी. उधर फिल्म के ट्रेलर में ‘पद्मावती’ को नाचते हुए देखकर विधायक ने इतिहास का अध्ययन कर लिया. आज जब मीडिया के सामने आये, तो कहा कि ‘पद्मावती’ के सम्मान के साथ अपमान किया जा रहा है. विधायक नीरज ने इस दौरान जमकर भंसाली और आजम को भला-बुरा कहा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जाकर विरोध का पत्र थमा दिया. मुख्यमंत्री ने ‘पद्मावती’ पर चल रहे इस विवाद को थोड़ी देर के लिए समझा, शायद सियासत भारी पड़ी और उन्होंने अधिकारियों को बिहार में फिल्म बैन करने का आदेश दे डाला. सीएम नीतीश कुमार ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि जब तक ‘पद्मावती’ फिल्म का विवाद खत्म नहीं हो जाता, बिहार में इस फिल्म पर प्रतिबंध रहेगा. फिल्म एक दिसंबर से सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है.
वैसे सियासतको नजदीक सेसमझने वाले कहते हैं, फिल्म चाहे जैसी भी बनी हो, लेकिन राजनेताओं को उसमें जाति की चाशनी में लिपटी सियासत की वहतासीरदिख गयी है, जिसे छोड़ना शायद ही कोई राजनीतिक पार्टी या राजनेता चाहे, फिर वह चाहे नीतीश कुमार ही क्यों न हों? उन्होंने देखा कि सदन में आज चारों ओर नीरज कुमार सिंह के पगड़ी की चर्चा है. मामला राजपूतानाशानका है और बिहार में भी अच्छी खासी जनसंख्या में राजपूत निवास करते हैं.उन्होंने त्वरित फैसला लिया कि बिहार में यह फिल्म बैन रहेगी,जब तकफिल्मनिर्माताओं की ओर से स्पष्टीकरण नहीं मिल जाता. इस तरह जूता-चप्पलऔर पगड़ी से सजा ‘पद्मावती’ का मुद्दा बिहार में भी असर कर गया.
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