किशनगंज के लिए टीम रवाना आज होगी हवाईपट्टी की जांच

पटना: किशनगंज हवाईपट्टी के निरीक्षण के लिए पटना से विशेषज्ञों की टीम मंगलवार को रवाना हुई. टीम में पटना एयरपोर्ट के तीन अधिकारी अखिलेश कुमार(एजीएम एटीसी), एनके चौधरी (डीजीएम, सिविल) और यू के राय (एजीएम, इलेक्ट्रिकल) शामिल हैं. हवाई पट्टी राज्य सरकार का है, इसलिए उसके प्रतिनिधि के रूप में कैप्टन ज्ञान भी विशेषज्ञ दल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 29, 2017 9:58 AM
पटना: किशनगंज हवाईपट्टी के निरीक्षण के लिए पटना से विशेषज्ञों की टीम मंगलवार को रवाना हुई. टीम में पटना एयरपोर्ट के तीन अधिकारी अखिलेश कुमार(एजीएम एटीसी), एनके चौधरी (डीजीएम, सिविल) और यू के राय (एजीएम, इलेक्ट्रिकल) शामिल हैं. हवाई पट्टी राज्य सरकार का है, इसलिए उसके प्रतिनिधि के रूप में कैप्टन ज्ञान भी विशेषज्ञ दल में शामिल किया गया है.

पटना से विशेषज्ञ दल विशेष वाहन से किशनगंज गया है जबकि डीजीसीए, कोलकाता के सहायक निदेशक डीके मंडल विमान से बागडोगरा और फिर वहां से किशनगंज पहुंचेेंगे. टीम हवाई पट्टी के लंबाई चौड़ाई को नापेगी.

टर्मिनल भवन के निर्माण और विमानों को उतरने के लिए एटीसी समेत अन्य जरूरी सुविधाओं के विकास के लिए जमीन की जरूरत का भी टीम आकलन करेगी. साथ ही, उस पर आने वाले खर्च का भी आकलन करेगी. किशनगंज के हवाई पट्टी की लंबाई केवल 3000 फुट है. लिहाजा, जब तक यहां के हवाई पट्टी को नहीं बढ़ाया जायेगा, यहां 10 से 20 सीटवाले छोटे विमान ही उतर पायेंगे. पिछले सप्ताह केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्रालय ने क्षेत्रीय संपर्कता को बढ़ाने वाली विशेष योजना ‘उड़ान दो’ की सूची फाइनल की है, जिसमें दरभंगा के साथ-साथ किशनगंज एयरपोर्ट को भी शामिल किया गया है. अब एयरपोर्ट ऑथिरिटी ऑफ इंडिया यहां नागरिक उड्ययन सुविधाओं के विकास के लिए 50 से 100 करोड़ के बीच खर्च करेगी. यहां आनेवाले यात्रियों के लिए 2500 रुपये प्रति उड़ान घंटे की दर सेे विशेष फेयर कैपिंग भी की गयी है.
देर से उड़े 10 विमान
पटना. मंगलवार को पटना एयरपोर्ट से 10 फ्लाइट देर से उड़ी. देर होनेवाली फ्लाइट में छह दिल्ली की थी जबकि रांची की दो और कोलकाता व बंगलुरू एक एक फ्लाइट थी. देर होने वाली फ्लाइट में जेट एयरवेज और गो एयर की तीन तीन फ्लाइट शामिल थी जबकि इंडिगो की दो और एयर इंडिया व स्पाइस जेट के एक एक फ्लाइट शामिल थीं. विमानों की देरी 20 से 90 मिनट के बीच रही. मौसम ठीक होने के बावजूद विमानों की देरी की वजह दिल्ली एयरपोर्ट का हेवी कनजेशन रहा. वहां देर तक क्यू में रहने और गो एराउंड से बचने के लिए कई एयरलाइन ने यहां से दिल्ली के लिए देर से उड़ान भरी.

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