फॉग पीएएस डिवाइस के बाद भी पटाखे का सहारा

पटना : कुहासे के दिनों में विजिवलिटी कम होने से आगे का सिग्नल दिखायी नहीं देता और हादसे का खतरा बना रहता है. इसके कारण ट्रेनों की स्पीड पर ब्रेक लग जाती है. कुहासे के दिनों में अप्रिय घटना नहीं हो और ट्रेनों का सुरक्षित परिचालन हो, इसको लेकर पूर्व मध्य रेल ने एक्सप्रेस, मेल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 30, 2017 9:19 AM
पटना : कुहासे के दिनों में विजिवलिटी कम होने से आगे का सिग्नल दिखायी नहीं देता और हादसे का खतरा बना रहता है. इसके कारण ट्रेनों की स्पीड पर ब्रेक लग जाती है. कुहासे के दिनों में अप्रिय घटना नहीं हो और ट्रेनों का सुरक्षित परिचालन हो, इसको लेकर पूर्व मध्य रेल ने एक्सप्रेस, मेल व इंटरसिटी के इंजन में फॉग पायलट असिस्टेंस सिस्टम (पीएएस) डिवाइस लगाने की कवायद शुरू कर दी है.

रेलवे प्रशासन की मानें तो रूट मैपिंग का कार्य शुरू हो गया है और इस कार्य के पूरा होते ही लोको पायलट को डिवाइस दे दी जायेगी. हालांकि, इस डिवाइस के बाद भी कुहासे में पटाखे का सहारा लिया जायेगा. रेलमंडल प्रशासन ने संबंधित अधिकारियों को पटाखा उपलब्ध कराते हुए निर्देश दिया है कि आवश्यकता के अनुरूप उपयोग सुनिश्चित करें.

खतरे की सूचना देगा पटाखा: ट्रेन के इंजन में फॉग पीएएस डिवाइस लगने के बाद अगली सिग्नल की सूचना लोको पायलट को देंगे. इस डिवाइस के माध्यम से लोगों पायलट को जानकारी मिल जायेगी कि अगला सिग्नल कितनी दूरी पर है. इससे ट्रेनों की स्पीड नियंत्रित करने में आसानी होगी. हालांकि, आगे कोई अवरोध है या फिर कॉशन लगाया गया है, इसकी सूचना पटाखे की माध्यम से लोको पायलट को दी जायेगी.

स्पीड कम करने की वजह से कई ट्रेनों को किया गया रद्द
पूर्व मध्य रेल प्रशासन ने बताया कि घना कुहासा छाना शुरू होने के बाद ट्रेनों को 65 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से चलना है. गौरतलब है कि पटना-मुगलसराय-पटना रेलखंड पर ट्रेनों की स्पीड 110 किलोमीटर प्रतिघंटा है. कुहासे के दिनों में 65 किलोमीटर प्रतिघंटा करने से रेलखंड पर ट्रेनों के परिचालन का भार बढ़ जाता है. इस स्थिति में कुहासे में कई ट्रेनों को रद्द किया गया है.
कुहासा शुरू होने से पहले सभी ट्रेनों में फॉग पीएएस डिवाइस लगा दी जायेगी, लेकिन पटाखा का भी उपयोग किया जायेगा. पटाखे के माध्यम से लोको पायलट को खतरे की सूचना दी जायेगी. ट्रेनों की अधिकतम स्पीड 65 किमी प्रति घंटा की गयी है. इससे रेलखंड पर ट्रेनों की भार अधिक होने से कई ट्रेनें रद्द की गयी है.
– राजेश कुमार,
सीपीआरओ, पूर्व मध्य रेल

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