विधानसभा शीतकालीन सत्र :खाद्य एवं आपूर्ति विभाग मंत्री ने कहा, धान खरीद घोटाले में 1446 मिलरों पर एफआईआर

पटना : धान खरीद घोटाले में सरकार ने अब तक एक हजार 446 मिलरों पर एफआइआर दर्ज करायी जा चुकी है और 521 के खिलाफ वारंट तक जारी हो चुका है. विधानसभा में गुरुवार को अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से इस मामले को डॉ रामानुज प्रसाद और शक्ति सिंह यादव ने अलग-अलग प्रश्न के माध्यम […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2017 6:43 AM
पटना : धान खरीद घोटाले में सरकार ने अब तक एक हजार 446 मिलरों पर एफआइआर दर्ज करायी जा चुकी है और 521 के खिलाफ वारंट तक जारी हो चुका है. विधानसभा में गुरुवार को अल्पसूचित प्रश्न के माध्यम से इस मामले को डॉ रामानुज प्रसाद और शक्ति सिंह यादव ने अलग-अलग प्रश्न के माध्यम से उठाया.
इसके जवाब में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के मंत्री मदन सहनी ने कहा कि धान घोटाले की जांच के लिए सीआईडी के अंतर्गत एक एसआईटी (स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम) से करवायी जा रही है. इसकी रिपोर्ट आने के बाद सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2011-12, 2012-13 और 2013-14 के दौरान दो हजार दो मिलरों को सात लाख 48 हजार मीटरिक टन चावल (सीएमआर) देना था, जिसका मूल्य एक हजार 573 करोड़ होता है.
परंतु मिलरों ने सरकारी कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके इसमें व्यापक स्तर पर धांधली कर ली है. वर्तमान में इस मामले की जांच एसआईटी कर रही है. मिलरों के पास से बकायी राशि एक हजार 573 करोड़ रुपये में 350 करोड़ की अब तक वसूली की जा चुकी है. वर्ष 2012-2014 के बीच के 409 सरकारी कर्मचारियों पर भी मामला दर्ज हुआ है.
‘हिम्मत और जानकारी है, तो आप भी छपवा लीजिए किताब’
राजद के भोला प्रसाद ने डिप्टी सीएम पर प्रहार करते हुए कहा कि चारा घोटाला में स्कूटर से जानवर ढोने के मामले पर आपने किताब छपवाई थी. इसी तरह का मामला तो धान घोटाला में भी है, इसमें क्यों नहीं किताब छपवाते हैं. इस पर डिप्टी सीएम ने कहा कि जब मैंने किताब छपवाई थी, तब मैं विपक्ष में था. अब आप विपक्ष में हैं. अगर आपमें हिम्मत और जानकारी है, तो आप भी किताब छपवाइये.
पांच जिलों के जिला कृषि पदाधिकारियों से शोकॉज
पटना : विधानसभा में गुरुवार को कार्यवाही के दौरान कृषि मंत्री डॉ प्रेम कुमार ने भाई वीरेंद्र के अल्पसूचित प्रश्न के उत्तर में कहा कि कृषि विभाग अपनी योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं करेगा. योजनाओं की धीमी गति के कारण अररिया, सुपौल, गोपालगंज, समस्तीपुर सहित एक अन्य के जिला कृषि पदाधिकारी (डीएओ) से शोकॉज किया गया है.
इसके अलावा सभी जिलों के डीएओ को योजनाओं की प्रगति में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है. जवाब के दौरान ही राजद विधायक कम खर्च की बात कहते हुए हंगामा करने लगे. इस पर मंत्री ने कहा कि जब राजद सरकार में थी, तब वित्तीय वर्ष 2017-18 के शुरुआती चार महीने में महज 0.3 प्रतिशत खर्च हुआ था. वहीं, जब भाजपा सरकार में आयी, तो एक से 27 अगस्त 2017 के बीच 11 प्रतिशत खर्च हो चुका है.
अब तक कृषि विभाग के खर्च का प्रतिशत बढ़ कर 14.24 हो गया है. उन्होंने कहा कि वित्तीय वर्ष समाप्त होने से पहले विभाग अपने निर्धारित बजट 2402 करोड़ को पूरी तरह से खर्च कर लेगा. इसके लिए सभी जिलों को सख्त निर्देश दिया गया है. मंत्री ने कहा कि विभाग के खर्च में बाढ़ के कारण लगाम लग गयी. हाल में आयी बाढ़ से 21 जिलों में बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है. इसमें सबसे ज्यादा हानि कृषि महकमे को ही हुई है.
विस की कार्यवाही चली 35 मिनट, शोक के बाद स्थगित
पटना : विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्षी सदस्यों ने गुरुवार को हंगामा शुरू कर दिया. भाई वीरेंद्र व शक्ति सिंह यादव के अल्पसूचित प्रश्न को लेकर राजद के सदस्यों ने हंगामा किया और वेल में आ गये. विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी के मना करने के बाद भी सभी सदस्य वेल से हटने का नाम नहीं ले रहे थे.
हाउस को आॅर्डर में नहीं होने और विपक्षी सदस्यों के हंगामा को देखते हुए अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी. भोजनावकाश के पहले दूसरी बार जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई कि भभुआ के विधायक आनंद भूषण पांडेय के निधन की सूचना प्राप्त हुई. विधानसभा अध्यक्ष ने विधायक के निधन की सूचना से सदन को अवगत कराया. इसके बाद सदस्यों ने दिवंगत आत्मा के लिए एक मिनट तक मौन रखा. सदन की कार्यवाही शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी. विस की कार्यवाही करीब 35 मिनट तक ही चल सकी. वहीं दूसरी ओर, विधान परिषद की कार्यवाही भी विधायक आनंद भूषण पांडेय के निधन की सूचना के बाद स्थगित कर दी गयी.
गुरुवार के विधायी कार्य शुक्रवार को
सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद कार्यमंत्रणा समिति की बैठक की गयी. बैठक में समिति की ओर से निर्णय लिया कि गुरुवार के शेष कार्यों को शुक्रवार को संपन्न किया जायेगा. अब गुरुवार के लिए निर्धारित सभी वित्तीय एवं विधायी कार्य शुक्रवार को संपन्न किये जायेंगे.

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