फंड के पूरे पैसे का निर्धारणअब पेंशन के रूप में

खाता एक सितंबर 2014 से पहले का होना चाहिए पटना : अब ईपीएफ खाताधारक अपने फंड का पूरा पैसा पेंशन के निर्धारण में करा सकते हैं. जिनका पीएफ कटौती सैलरी सिलिंग लिमिट से ऊपर हुआ है, उस पर पूरा पेंशन निर्धारण करवा सकते हैं. वैसे इसके लिए एक शर्त है. इसमें आपका खाता एक सितंबर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2017 8:50 AM
खाता एक सितंबर 2014 से पहले का होना चाहिए
पटना : अब ईपीएफ खाताधारक अपने फंड का पूरा पैसा पेंशन के निर्धारण में करा सकते हैं. जिनका पीएफ कटौती सैलरी सिलिंग लिमिट से ऊपर हुआ है, उस पर पूरा पेंशन निर्धारण करवा सकते हैं.
वैसे इसके लिए एक शर्त है. इसमें आपका खाता एक सितंबर 2014 से पहले का होना चाहिए. अगर आपका खाता 1 सितंबर 2014 से पहले का है तो आप ईपीएफ को पेंशन फंड में ज्यादा अंश दान के लिए आवेदन कर सकते हैं.
महंगाई भत्ता के भी 8.33 फीसदी योगदान की मंजूरी : ईपीएफओ के क्षेत्रीय कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार ईपीएस नियमों के मुताबिक कंपनी को कर्मचारी की बेसिक वेतन से 12 फीसदी की रकम खाते में रखनी होती है. इस 12 प्रतिशत में 8.33 फीसदी हिस्सा कर्मचारी के पेंशन योजना में चला जाता है.
वर्तमान में ईपीएफ के लिए 15,000 रुपये प्रतिमाह का वेतन तय है और ईपीएफ में प्रतिमाह 1250 रुपए का योगदान हो सकता है. ईपीएस एक्ट में 1996 में हुए एक संशोधन के बाद कर्मचारियों को बेसिक सैलरी के साथ-साथ महंगाई भत्ता का भी 8.33 फीसदी योगदान की मंजूरी मिल गयी है. ईपीएफ में योगदान की रकम बढ़ाने के लिए नियोक्ता के सहमति पत्र के साथ ईपीएफओ में आवेदन करना पड़ता है.
जानकारी के अनुसार पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि ईपीएफओ को ईपीएस में ज्यादा योगदान करने की अनुमति प्रदान करनी होगी. लेकिन कुछ साल बाद ईपीएफओ ने ईपीएस में अंशदान बढ़ाने का आवेदन भी लेने से इन्कार कर दिया था. अब संशोधन के बाद आप अपना अंश दान बढ़ा सकते हैं.पेंशन की रकम निर्धारण इस बात पर निर्भर करेगी कि कर्मचारी ने कितने वर्ष नौकरी की और उसकी बेसिक सैलरी कितनी रही थी.
कर्मचारी की उम्र 58 साल पूरा होने के बाद पेंशन शुरू हो जाती है. अगर नौकरी के दौरान कर्मचारी की मृत्यु हो जाती है तो उसकी विधवा को पेंशन मिलती रहेगी. साथ ही दो बच्चों को पेंशन की 25 फीसदी रकम मिलेगी. अगर कोई कर्मचारी नौकरी के दौरान स्थायी रूप से पूरी तरह विकलांग हो जाये तो उसे जीवन पर्यंत पूरी पेंशन मिलेगी.

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