बिहार : ‘राजनीतिक शुचिता व सिद्धांत से शरद का क्या लेना-देना’ : वशिष्ठ नारायण सिंह
पटना : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि शरद यादव को राजनीतिक शुचिता, नीति और सिद्धांत से क्या लेना देना. यह वही शरद यादव हैं, जो नीतीश कुमार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए खुद प्रस्तावक बने थे. अब कह रहे हैं कि खुद असली जदयू […]
पटना : जदयू के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा है कि शरद यादव को राजनीतिक शुचिता, नीति और सिद्धांत से क्या लेना देना. यह वही शरद यादव हैं, जो नीतीश कुमार को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने के लिए खुद प्रस्तावक बने थे. अब कह रहे हैं कि खुद असली जदयू हैं.
यह तो नैतिकता का सवाल है. पहले तो वह बिहार में बुलाने पर भी नहीं आते थे. अब तो लगातार आ रहे हैं. शरद राजद का काम कर रहे हैं. जदयू प्रदेश अध्यक्ष रविवार को पत्रकारों से बातचीत में बताया कि जो खुद नीति का पालन करता हो वह कोई बात कर सकता है. शरद यादव को राज्यसभा की सदस्यता का सवाल था. महागठबंधन को छोड़ने को लेकर पूछे गये एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह समय, परिस्थिति और राज्य हित को देखते हुए किया जाता है.
जदयू से लगातार जुड़ रहे हैं लोग : राजद नेता अनवारूल हक के पुत्र मो आजम हुसैन अनवर ने रविवार को राजद छोड़कर जदयू की सदस्यता ली. जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने उनको जदयू की सदस्यता दिलायी. उन्होंने कहा कि आजम हुसैन अनवर के पिता स्व अनवारुल हक का शिवहर और सीतामढ़ी सहित अन्य जिलों में उनके समर्थक फैले हुए हैं. वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए बड़ी संख्या में लोग जदयू में शामिल हो रहे हैं. लोग बिहार के विकास के बारे में सोंचते हैं.
अब राजनीति को देखने का नजरिया अलग हो गया है. वर्तमान राजनीति वोट और सत्ता का साधन नहीं है. राजनीति के पुरोधा महात्मा गांधी, बाबा साहेब, जेपी और लोहिया आजादी की लड़ाई में शामिल हुए थे.
साथ ही उन लोगों ने सामाजिक सरोकार व सामाजिक कुरीति को लेकर काम किया. बिहार की खासियत रही है कि न सिर्फ स्वतंत्रता आंदोलन में बल्कि आजादी के बाद भी यहां पर अधिक संख्या में एक्टिविस्ट हैं. आजम हुसैन अनवर के जदयू मिलन समारोह में संजय सिंह उर्फ गांधीजी, पूर्व मंत्री रंजू गीती, राणा रणधीर सिंह सहित पार्टी के अन्य पदाधिकारी मौजूद थे.