पटना / नयी दिल्ली : उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू ने जदयू के दो बागी नेताओं शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता को रद्द कर दिया है. इस फैसले के बाद बिहारमेंसियासी हलचल तेज हो गयी है. जदयू नेता जमकर शरद यादव और अली अनवर पर निशाना साध रहे हैं, वहींजदयूअबयहगणितसमझनेमें लगी हुई हैकिइन खाली सीटों पर किसे भेजाजायेगा. जदयू में भी कई चेहरे राज्यसभा की लाइन में हैं. वहीं सभापति के फैसले के बाद इसके खिलाफ अली अनवर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. अनवर नेमीडियासे बातचीत में कहाहै कि इस फैसले से हम लोग डरने वाले नहीं है. संसदीय इतिहास में यह पहला फैसला है जहां राज्यसभा के सभापति ने खुद किया हो. जबकि इससे पहले जो फैसले हुए हैं वो प्रोविजिनल कमेटी, एथिक्स कमेटी के जरिए हुए हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अली अनवर ने कहा कि हम जो भी लड़ाई लड़ रहे हैं, उसके सामने राज्यसभा की सदस्यता बहुत छोटी सी चीज है. उनका कहना है कि उनकी लड़ाई पद की नहीं, सिद्धांत और संविधान बचाने की है. उन्होंने मीडिया से बातचीत में शायराना अंदाज में जवाब देते हुए कहा कि न मैं गिरा, न मेरे हौसले की मिनार गिरे. पर मुझे गिराने में कुछ लोग कई बार गिरे. अनवर ने नीतीश पर हमलावर होते हुए कहा कि नीतीश कुमार जब महागठबंधन से नाता तोड़कर अलग होकर बीजेपी से मिले, तो उस पूरी रात मै बेचैन रहा और रात भर सोया नहीं. दूसरे दिन पहली फुर्सत में बगावत का झंडा बुलंद कर दिया. कल जब मैं गुजरात के राजकोट में एक रैली को संबोधित कर रहा था, तो खबर मिली की मेरी राज्यसभा की सदस्यता रद्द कर दी गई है. इस खबर के बाद कल पूरी रात चैन से सोया हूं.
जदयू के इस बागी नेता ने कहा कि बहुत जल्द गुजरात चुनाव में शरद यादव से मुलाकात होगी और वहीं इस मामले पर विस्तार से बात होगी. उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई जनता के न्यायालय में होगी और अब जनता ही फैसला करेगी. हमें जनता पर पूरा भरोसा है. उन्होंने कहा कि राज्यसभा की सदस्यता के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे. इस संबंध में जो भी कानूनी लड़ाई हैं उसे लड़ेंगे. अली अनवर ने कहा कि हमलोगों ने अपनी सही तरीके से बात भी राज्यसभा के समक्ष नहीं रखी है. एक टीवी चैनल को दिये अपने बयान में अली अनवर ने कहा कि यह भारतीय लोकतंत्र के संसदीय व्यवस्था में पहली बार ऐसा फैसला लिया गया है, जिसे स्वयं सभापति ने लिया है. इसके पहले इस प्रकार के फैसलों को समझने के लिए एथिक्स कमेटी के पास रखा जाता था, हमारे मामले में ऐसा नहीं किया गया है.
गौर हो कि राज्यसभा सदस्यता समाप्त करने का मामला सभापति के यहां विचाराधीन था. जनता दल यू के नेता और राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने वेंकैया नायडू को आवेदन देकर शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता समाप्त करने का अनुरोध किया था. दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद वेंकैया नायडू ने शरद यादव और अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता समाप्त कर दी. दोनों को सदस्यता के लिए अयोग्य ठहराया गया है. शरद यादव और अली अनवर अंसारी पर दल विरोधी रुख अपनाने का आरोप था तथा इनके खिलाफ दल विरोधी गतिविधियों में भाग लेने की शिकायत को लेकर राज्यसभा के सभापति के यहां शिकायत की गयी थी.
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