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संविदा पर बहाल एमबीबीएस डॉक्टरों ने भी कर दिया हड़ताल का एलान

गंभीर मरीज कर रहे निजी अस्पतालों का रुख पटना : संविदा डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों के अनिश्चित कालीन हड़ताल की वजह से सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है. इसका सबसे खासा असर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर देखने को मिल रहा है. दरअसल आयुष डॉक्टरों की ज्यादातर तैनाती पीएचसी में की गयी है, लेकिन यहां […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2017 7:36 AM
गंभीर मरीज कर रहे निजी अस्पतालों का रुख
पटना : संविदा डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों के अनिश्चित कालीन हड़ताल की वजह से सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गयी है. इसका सबसे खासा असर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर देखने को मिल रहा है. दरअसल आयुष डॉक्टरों की ज्यादातर तैनाती पीएचसी में की गयी है, लेकिन यहां डॉक्टरों के हड़ताल पर चले जाने के कारण मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है. दवा से लेकर इलाज तक कराने में मरीजों को परेशानी हो रही है, नतीजा कई मरीज प्राइवेट अस्पताल की ओर रुख कर रहे हैं.
पीएमसीएच में दिनभर मरीज रहे परेशान : पीएमसीएच में संविदा डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने के चलते यहां मरीजों को इलाज कराने में पसीना छूट गया. सबसे अधिक परेशानी मरीजों को बेड पर भर्ती होने के साथ डॉक्टरों की पूछताछ करने में हुई. दरअसल यह सभी काम पीएमसीएच में तैनात हेल्थ मैनेजर का होता है, लेकिन मैनेजरों के हड़ताल पर जाने के चलते मरीजों को भर्ती होने में दिक्कत हो रही है. साथ ही यहां प्रबंधन की व्यवस्था भी बिगड़ती जा रही है.
आयुष मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के हड़ताल में एमबीबीएस संविदा डॉक्टर भी शामिल हो गये. मंगलवार को करीब 600 से अधिक डॉक्टरों ने हड़ताल कर दिया और गर्दनीबाग स्थित धरना स्थल पर जा कर बैठ गये. एमबीबीएस डॉक्टरों के हड़ताल की वजह से पीएमसीएच अस्पताल में छिटपुट असर देखने को मिला. वहीं आयुष मेडिकल सर्विसेज एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ जयशंकर प्रसाद व सचिव डॉ सुशील कुमार झा ने कहा कि जब तक वेतन विसंगति और नियमितीकरण की मांगों को पूरा नहीं किया जायेगा हड़ताल जारी रहेगी.
स्वास्थ्य सेवा बहाली का निर्देश
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मियों की हड़ताल के कारण स्वास्थ्य सेवाओं के सुचारू रूप से संचालन के लिए स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव आरके महाजन ने प्रदेश के सभी डीएम, सभी जिला स्वास्थ्य समितियों और सिविल सर्जन सह सदस्य सचिव ने निर्देश जारी किया है. मंगलवार को जारी इस निर्देश में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मियों की विभिन्न मांगों पर उचित कार्रवाई की जा रही है. ऐसे में यदि ये अपनी स्वेच्छा से हड़ताल करते हैं या किसी कर्मी काे काम करने से रोकते हैं तो उन पर कार्रवाई की जायेगी.
कार्रवाई के तहत काम नहीं वेतन नहीं के आधार पर उनके मानदेय का भुगतान नहीं किया जायेगा. संविदा की शर्तों का उल्लंघन करने के आरोप में अनुशासनिक कार्रवाई की जायेगी. प्रक्रिया का पालन कर संविदा समाप्त करने की कार्रवाई की जायेगी. इसके अलावा प्रधान सचिव ने कहा है कि तत्काल एक महीने तक संविदा पर स्थानीय स्तर पर कम्प्यूटर ऑपरेटर, लेखापाल, प्रयोगशाला प्रावैधिक, पारा मेडिकल कर्मी की सेवायें ली जा सकती हैं.

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