पटना / नयी दिल्ली: जदयू के चुनाव चिह्न तीर के संबंध में निर्वाचन आयोग के फैसले के खिलाफ शरद यादव धडे के नवनिर्वाचित अध्यक्ष के राजशेखरन की याचिका पर आज दिल्ली उच्च न्यायालय ने जदयू नेता रामचंद्र प्रसाद सिंह से जवाब मांगा. राजशेखरन की याचिका पर न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर ने चुनाव आयोग और सिंह को नोटिस जारी किया। याचिका में चुनाव आयोग के इस तथ्य को भी चुनौती दी गयी है कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई वाला धड़ा ही वास्तविक जदयू है. सिंह जदयू से राज्यसभा सदस्य हैं.
चुनाव आयोग की ओर से पेश वकील ने कहा कि निकाय ने अपने फैसले के समर्थन में 25 नवंबर को तर्कसंगत आदेश जारी किया था इसलिए वह इस मामले में जवाब दाखिल नहीं कर पायेगा. अदालत ने मामले में सुनवाई के लिए अगली तारीख 19 फरवरी तय की है. सिंह की ओर से पेश वकीलों ने दलील दी कि जब यह मामला चुनाव आयोग में था, उस समय राजशेखर मामले में पक्ष नहीं थे. उन्होंने यह भी कहा कि यादव धड़े ने इसी मुद्दे पर अपनी पहले की याचिका 23 नवंबर को वापस ले ली थी.
इस पर राजशेखरन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और वकील निजाम पाशा ने कहा कि पूर्व की याचिका इसलिए वापस ली गयी थी कि चुनाव आयोग ने 17 नवंबर के अपने आदेश में फैसले के लिए कारण नहीं बताया था. नीतीश कुमार के जुलाई में भाजपा से हाथ मिला लेने के बाद पार्टी में नियंत्रण को लेकर विवाद शुरु हो गया था और कुमार तथा यादव की राहें अलग अलग हो गयीं. राजशेखरन ने अपनी याचिका में चुनाव आयोग के 25 नवंबर के आदेश को खारिज करने का अनुरोध किया है.
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