लालू को सुशील मोदी की चुनौती, कहा- साहस है तो गुजरात में प्रचार करके दिखाएं

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को चुनौती दी कि अगर साहस है तो गुजरात में प्रचार करके दिखाएं. इससे पहले लालू ने दावा किया था कि गुजरात में विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा के शासन का अंत हो जायेगा. सुशील मोदी ने गुजरात में कांग्रेस की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 7, 2017 10:32 PM

पटना : बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद को चुनौती दी कि अगर साहस है तो गुजरात में प्रचार करके दिखाएं. इससे पहले लालू ने दावा किया था कि गुजरात में विधानसभा चुनावों के बाद भाजपा के शासन का अंत हो जायेगा. सुशील मोदी ने गुजरात में कांग्रेस की जीत के लालू प्रसाद के दावे को खारिज करते हुए सवाल उठाया कि वह अपने सहयोगी के लिए प्रचार क्यों नहीं कर रहे.

एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में लालू प्रसाद ने कहा, 22 सालों से गुजरात में सत्ता में बैठी भाजपा नाकाम रही है. उन्होंने दावा किया, आगामी विधानसभा चुनाव राज्य में भाजपा के शासन पर विराम लगायेंगे. नतीजे विपक्ष की वापसी और सत्तारुढ़ भाजपा को बाहर का रास्ता दिखायेंगे. राजद गुजरात में चुनाव नहीं लड़ रही, लेकिन प्रसाद वहां मतदाताओं से कांग्रेस का समर्थन करने की अपील कर रहे हैं.

लालू प्रसाद के बयान पर जवाब देते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने संवाददाताओं से कहा, वह (प्रसाद) यहां पटना में बैठे हैं और गुजरात के यादवों से भाजपा के खिलाफ वोट देने की अपील कर रहे हैं. अगर उनमें साहस है तो उन्हें खुद वहां जाना चाहिए और चुनाव प्रचार में भाग लेना चाहिए. सुशील मोदी ने कहा, उनकी सहयोगी कांग्रेस चुनाव लड़ रही है, लेकिन प्रचार में शामिल नहीं हुए.

सुशील मोदी ने कहा, यादव हों, पटेल हों या अन्य कोई जाति के समूह हों, गुजरात में सब भाजपा के साथ हैं. पार्टी बड़े बहुमत के साथ सत्ता में लौटेगी. लालू प्रसाद ने टीवी कार्यक्रम में राजद के खिलाफ वंशवाद की राजनीति को बढ़ावा देने के आरोपों को भी खारिज करते हुए कहा कि नेताओं के लिए इस तरह की बात क्यों की जाती है जबकि किसी वकील, डॉक्टर या किसी अन्य पेशे के व्यक्ति के बच्चे के लिए उसके पिता के पदचिह्नों पर चलना सामान्य माना जाता है.

उन्होंने कहा, अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसे लोगों को वंशवाद से ऊपर समझा जाता है तो याद रखना चाहिए कि उनका कोई परिवार नहीं है, इसलिए राजनीति में उनके पदचिह्नों पर चलने वाला कोई नहीं है.

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