नीतीश को अयोग्य घोषित करने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट जनवरी में करेगा सुनवाई
पटना / नयी दिल्ली: नीतीश कुमार को बिहार सीएम के पद से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर आज होने वाली सुनवाई को सुप्रीम कोर्टनेटाल दिया है.अबइस मामले की सुनवाई जनवरी तक के लिए टाल दी गयी है. अगली सुनवाई 2018 जनवरी में होगी. कोर्ट ने चुनाव आयोग के हलफनामे के बाद इस […]
पटना / नयी दिल्ली: नीतीश कुमार को बिहार सीएम के पद से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर आज होने वाली सुनवाई को सुप्रीम कोर्टनेटाल दिया है.अबइस मामले की सुनवाई जनवरी तक के लिए टाल दी गयी है. अगली सुनवाई 2018 जनवरी में होगी. कोर्ट ने चुनाव आयोग के हलफनामे के बाद इस मामले में पूर्व में आठ दिसंबर की तारीख सुनिश्चित की थी.
गौरतलबहो कि चुनाव आयोग ने हलफनामे में कहा है कि नीतीश कुमार ने 2012 और 2015 में बिहार विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था. इसी तरह उन्होंने 2013 में भी बिहार विधान परिषद का चुनाव नहीं लड़ा. लेकिन पता नहीं याचिकाकर्ता एमएल शर्मा ने कहां से नीतीश कुमार का चुनावी हलफनामा हासिल किया. इस मामले से याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं हुआ है और इस पर जनहित याचिका दाखिल नहीं की जा सकती. याचिकाकर्ता को शिकायत चुनाव याचिका या पुलिस को देनी चाहिए थी. यह याचिका खारिज की जाए और याचिकाकर्ता पर भारी जुर्माना लगाया जाए.
Supreme Court adjourned a plea against Bihar chief minister Nitish Kumar alleging that he did not disclose in his election affidavits an FIR against him in a murder case; Further hearing in the case to be in second week of January.
— ANI (@ANI) December 8, 2017
दरअसल, इससे पूर्व नीतीश कुमार को बिहार के सीएम के पद से अयोग्य घोषित करने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई को तैयार हो गया था. 23 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से चार हफ्ते में जवाब देने को कहा था. वकील एमएल शर्मा ने याचिका दाखिल कर कहा था कि 2006 से 2015 के दौरान नीतीश कुमार ने हलफनामे में यह खुलासा नहीं किया कि 1991 में उन पर हत्या के मामले में एफआइआर दर्ज हुई थी. याचिका में दावा किया गया था कि नीतीश कुमार ने अपने एफिडेविट में इस बात का जिक्र नहीं किया था कि उनके नाम पर हत्या का मामला दर्ज है, लिहाजा नीतीश कुमार को सीएम पद के लिए अयोग्य घोषित किया जाये. याचिका में नीतीश कुमार के खिलाफ हत्या के मामले में उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की गयी थी. याचिका के अनुसार नीतीश कुमार अपने आपराधिक रिकॉर्ड को छुपाने के बाद संवैधानिक पद पर नहीं रह सकते हैं.
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