शेयर होल्डरों को ही नहीं पता, कब किया कंपनी में निवेश? नाम भी नहीं सुना, राबड़ी-तेजस्वी की कंपनी है ‘लारा एलएलपी’

पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी व पूर्व सीएम राबड़ी देवी और उनके बेटे व पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव की कंपनी ‘लारा एलएलपी’ के नाम पर मौजूद सभी संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल में जब्त कर लिया है. लारा एलएलपी कंपनी का ही नाम वर्ष 2012 से पहले डिलाइट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 11, 2017 8:20 AM

पटना : राजद प्रमुख लालू प्रसाद की पत्नी व पूर्व सीएम राबड़ी देवी और उनके बेटे व पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी प्रसाद यादव की कंपनी ‘लारा एलएलपी’ के नाम पर मौजूद सभी संपत्तियों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल में जब्त कर लिया है. लारा एलएलपी कंपनी का ही नाम वर्ष 2012 से पहले डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड था.

ईडी ने इस कंपनी के नाम पर सिर्फ पटना में प्राइम लोकेशन पर मौजूद करीब एक दर्जन बड़ी संपत्तियों को अटैच करने का आदेश जारी किया है. ईडी की जांच और राबड़ी और तेजस्वी से पूछताछ के बाद कई चौंकानेवाली बातें सामने आयी हैं. ‘लारा एलएलपी’ कंपनी के जो शेयर होल्डर हैं, उन्हें भी कंपनी के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है़ उन्होंने इस कंपनी का नाम तक नहीं सुना है.

इस कंपनी के करीब आधा दर्जन शेयरधारकों से जब पूछा गया कि उन्होंने कंपनी के शेयर को कब और कितने में खरीदा, तो इन्हें इसके बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी. इनको यह भी जानकारी नहीं थी कि उनके नाम पर ऐसी किसी किसी कंपनी में कोई निवेश भी किया गया है. इसी तरह की कई जानकारियों के आधार पर ही उनकी संपत्ति जब्त की गयी है.

राजद सांसद के बेटे के गार्ड व उसकी पत्नी को दिखाया शेयरघारक

इन निवेशकों में अहम शेयरधारक हैं, मयूर गुप्ता के नयी दिल्ली स्थित बंगले का सिक्योरिटी गार्ड और उसकी पत्नी. मयूर गुप्ता राजद सांसद प्रेमचंद गुप्ता के सबसे बड़े बेटे हैं. उनके गार्ड के नाम पर डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड (अब लारा एलएलपी) कंपनी के 150 और उसकी पत्नी के नाम पर 100 शेयरों की खरीद करीब 10 साल पहले कागज पर दिखायी गयी है.

जब इस सुरक्षाकर्मी से पूछा गया कि उसने इतने शेयर कैसे खरीदे, तो उसने बताया कि वर्तमान में उसकी तनख्वाह करीब 15 हजार रुपये मासिक है. 10 साल पहले तो सैलरी और भी कम थी. इस वेतन से घर ही मुश्किल से चल पाता है, शेयर कहां से खरीद पाऊंगा. जहां तक उसकी पत्नी का सवाल है, तो वह अनपढ़ महिला है, जो गांव में रहती है.

वह इन सभी चीजों के बारे में जानती तक नहीं है. जांच के दौरान इस तरह से कई शेयरधारक सामने आये, जिनके नाम, पता और पहचानपत्र का गलत उपयोग करके बेनामी खाता खोलकर शेयर खरीदे गये. इसका सीधा तात्पर्य है कि इन शेयरों के माध्यम से रेलवे होटल टेंडर घोटाले में घूस के रूप में जो ब्लैकमनी प्राप्त हुई थी, उसे व्हाइट करने के लिए इन शेयरों के जरिये रूट किया गया था.

तेजस्वी को निवेश का पता नहीं, राबड़ी नहीं बता सकीं कंपनी का नाम भी

ईडी ने राबड़ी देवी से दो दिसंबर और तेजस्वी से 10 अक्तूबर और 13 नवंबर, 2017 को पूछताछ की थी. तेजस्वी से नयी दिल्ली स्थित कार्यालय तो राबड़ी देवी से पटना ऑफिस में घंटों पूछताछ हुई थी. इस दौरान राबड़ी देवी ठीक से कंपनी का नाम तक नहीं बता पायीं. उन्हें यह तक पता नहीं था कि पहले कंपनी का नाम क्या था और अब क्या हो गया है. ‘लारा’ नाम का मतलब क्या होता है.

प्राप्त सूचना के अनुसार, लारा का मतलब लालू एंड राबड़ी होता है. इसी तरह तेजस्वी यादव से बतौर डिलाइट कंपनी प्राइवेट लिमिटेड (अभी लारा एलएलपी) के निदेशक के तौर पर कंपनी में हुए करोड़ों के निवेश, शेयर रेट और शेयर होल्डर के बारे में पूछा गया, लेकिन वह भी कुछ बताने में पूरी तरह से असमर्थ रहे.

वह यह भी नहीं बता पाये कि एक ही कंपनी के उनके खरीदे गये शेयर और उनकी मां राबड़ी देवी के खरीदे शेयर के रेट में इतना बड़ा अंतर कैसे है. उन्होंने ईडी को यह बताया कि शेयर को ट्रांसफर करने में दस्तावेज संबंधित सभी काम उनकी मां के किसी प्रतिनिधि ने पूरे किये हैं, जिसका नाम वह नहीं जानते हैं. यह बड़ी जानकारी थी.

Next Article

Exit mobile version