गंगा की गोद में हो गये एक के बाद एक 30 निर्माण
अनदेखी : जब 2016 की बारिश में गंगा टावर में घुसा था पानी, तब दिया गया था जांच का आदेश नगर निगम ने जांच करा विभाग को भेजी थी रिपोर्ट, कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ पटना : गंगा की गोद में बने भवनों और अपार्टमेंटों पर नगर निगम की कार्रवाई शून्य है. […]
अनदेखी : जब 2016 की बारिश में गंगा टावर में घुसा था पानी, तब दिया गया था जांच का आदेश
नगर निगम ने जांच करा विभाग को भेजी थी रिपोर्ट, कार्रवाई के नाम पर कुछ भी नहीं हुआ
पटना : गंगा की गोद में बने भवनों और अपार्टमेंटों पर नगर निगम की कार्रवाई शून्य है. बीते एक वर्ष में नगर निगम ने अवैध निर्माणकर्ताओं को न ही कोई नोटिस दिया है और न ही किसी भी अपार्टमेंट को लेकर नगर आयुक्त कोर्ट में सुनवाई हुई है. राजापुर पुल, मैनपुरा से लेकर अशोक राजपथ पर 30 अपार्टमेंट ऐसे हैं, जिन पर नगर निगम का निगरानीवाद चल रहा है. बीते दस वर्ष के अधिक समय होने के बावजूद निर्माणों पर अभी तक कोई फैसला नगर निगम में नगर आयुक्त के कोर्ट से नहीं आया है.
मैनपुरा के पास गंगा तट पर इंद्रप्रस्त कंस्ट्रक्शन (जी प्लस दस), ब्रजनंदन अपार्टमेंट (जी प्लस), दुर्गा अपार्टमेंट से लेकर मैरिन ड्राइव अपार्टमेंट सभी अपार्टमेंटों पर नगर निगम का निगरानीवाद से लेकर एनजीटी का मामला चल रहा है.
बावजूद इसके नगर निगम की ओर से ब्रजनंदन अपार्टमेंट को छोड़ कर किसी पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. यही नहीं कई अपार्टमेंट को अब फाइनल टच भी दिया जा रहा है. स्थानीय थाने को निर्माण पर रोक लगाने का भी निर्देश दिया गया था, फिर भी कुछ नहीं हुआ है.
वर्ष 2016 में नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद के निर्देश पर नगर आयुक्त अभिषेक सिंह ने गंगा की गोद में बने अपार्टमेंटों की जांच के लिये पांच सदस्यीय टीम बनायी थी. टीम ने 15 दिनों में अपनी जांच रिपोर्ट तैयार की थी. निगम ने विभाग को 31 अक्तूबर को अपनी जांच रिपोर्ट दी. हालांकि, नगर निगम ने रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया, लेकिन जानकारी के अनुसार निगम की ओर से रिपोर्ट में 30 भवनों को अवैध ठहराया गया था. वहीं, 50 नये भवनों को अवैध निर्माण बता कर कार्रवाई करने को विभाग से निर्देश मांगा गया था.
इन मुद्दों पर हुई थी जांच
– भवन का नक्शा पास है कि नहीं
– नक्शे की स्वीकृति सही है या अनियमित, निर्माण में कैसी अनियमितता बरती गयी है
– आपदा प्रबंधन के लिए भवन कितने सुरक्षित हैं
– पानी, सीवरेज व ड्रेनेज की क्या स्थिति
– गंगा टावर में आखिर क्यों घुसा पानी
आखिर कहां चली गयी रिपोर्ट
विभाग को भेजी गयी रिपोर्ट के बाबत जब नगर आयुक्त अभिषेक सिंह से पूछा गया था, तो उन्होंने कहा था कि जांच का निर्देश विभाग का था, इसलिए जांच के बाद विभाग को रिपोर्ट बीते वर्ष ही भेज दी गयी थी. अब विभाग का निर्देश अाता है, तो कार्रवाई की जाती. वहीं, विभाग में रिपोर्ट आने के बाद किसी तरह की कोई जांच नहीं की गयी. आखिर रिपोर्ट का क्या हुआ, किसी को पता नहीं.