चालक सिपाही का बाथरूम में मिला शव

बुद्धा कॉलोनी थाने के लोदीपुर काली मंदिर रोड में रहते थे किराये पर पटना : बुद्धा कॉलोनी थाने के लोदीपुर काली मंदिर रोड में चालक सिपाही सिकंदर मंडल (58) का शव बाथरूम से बरामद किया गया. उनके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे. यह चोट बाथरूम में गिरने से लगी या किसी अन्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 14, 2017 7:15 AM
बुद्धा कॉलोनी थाने के लोदीपुर काली मंदिर रोड में रहते थे किराये पर
पटना : बुद्धा कॉलोनी थाने के लोदीपुर काली मंदिर रोड में चालक सिपाही सिकंदर मंडल (58) का शव बाथरूम से बरामद किया गया. उनके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे. यह चोट बाथरूम में गिरने से लगी या किसी अन्य वजह से, इस बात की पुलिस जांच करने में लगी है.
एफएसएल की टीम भी वहां पहुंची और घटनास्थल का मुआयना किया. इसके बाद पुलिस ने शव को बरामद कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.
पुलिस की जांच में प्रथम दृष्टया बाथरूम में गिरने से मौत होना बताया जा रहा है. सिटी एसपी मध्य अमरकेश डी ने बताया कि अभी तक जांच में यह बात सामने आयी है कि संभवत: बाथरूम में गिरने के कारण उनकी मौत हो गयी है. हालांकि हर बिंदु पर जांच की जा रही है.
सुबह से बेटा लगा रहा था फोन, नहीं उठाने पर पहुंचा पटना : सिंकदर मंडल जहानाबाद जिला बल के चालक सिपाही थे. हालांकि वे कुछ महीनों से लोदीपुर पुलिस लाइन में प्रतिनियुक्त थे और उन्होंने काली मंदिर रोड में एक फ्लैट किराये पर ले रखा था और उसमें अकेले ही रहते थे. वे मूल रूप से भागलपुर के कहलगांव के कचहरिया के रहने वाले थे.
उनका बेटा विजय कुमार मंडल प्रतिदिन अपने पिता से बात करता था. वह बुधवार की सुबह में भी उन्हें फोन किया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला. इसके बाद उसे अनहोनी की अाशंका हुई तो वह भागलपुर से पटना स्थित फ्लैट में पहुंचा. जहां कमरा अंदर से बंद था. काफी आवाज लगाने के बाद भी जब अंदर से कोई रिस्पांस नहीं मिला तो उसने बुद्धा कॉलोनी पुलिस को मामले की जानकारी दी. पुलिस पहुंची और फिर दरवाजा तोड़ कर अंदर प्रवेश की तो पाया कि सिकंदर मंडल बाथरूम में गिरे हुए है और मृत हो चुके है. पिता का शव देखते ही विजय कुमार मंडल के होश ही उड़ गये और उसने अपने परिजनों को मामले की जानकारी दी.
एमटीएस: गिरोह में 100 से अधिक लोग जालसाज
पटना : बिहार बोर्ड में एमटीएस परीक्षा में पास कराने के नाम पर पैसे करने वाले जालसाज गिरोह में करीब 100 सदस्य है. ये बिहार से लेकर झारखंड़ के विभिन्न जिलाें में सक्रिय है.
बिहार में यह गिरोह नालंदा, नवादा व शेखपुरा से ऑपरेट कर रहे है और झारखंड़ में यह गिरोह जामताड़ा से जालसाजी का धंधा संचालित कर रहे है. पूर्व में पकड़े गये जालसाजों से पुलिस ने इस मामले में बेऊर जेल में जा कर पूछताछ की. हालांकि उनसे पूछताछ में यह बात ही सामने आयी कि सुजीत गुप्ता ही उन्हें सभी का मोबाइल नंबर उपलब्ध कराता था. इसके बाद वे लोग नहीं जानते है कि वे दोनों कहां के रहनेवाले हैं.
पैसा डलवाने के लिए भी एकाउंट नंबर उनके ही माध्यम से दिया जाता था. वे लोग उस एकाउंट नंबर को लाेगों को देते थे और फिर पैसे निकालने के बाद उनके एकाउंट में डाल देते थे. पुलिस इस गिरोह को पकड़ने के लिए कई बार नालंदा, नवादा, शेखपुरा में छापेमारी कर चुकी है, लेकिन एक बार ही 11 सितंबर को पकड़ने में सफलता पायी थी. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि इस मामले में भी पुलिस ने दो को उठाया है और उसकी संलिप्तता का सत्यापन किया जा रहा है. फिलहाल उन्होंने किसी के गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की.
संलिप्तता
इंटरमीडिएट, मैट्रिक व टीईटी में मार्क्स बढ़ाने के साथ ही पास करने का प्रलोभन इस गिरोह ने दिया और 50 हजार से लेकर डेढ़ लाख तक डिमांड की. इसके बाद एमटीएम परीक्षा में पास कराने के नाम पर पैसे मांगे गये. जिसके बाद यह स्पष्ट हो गया कि एक ही गिरोह इन पूरी घटनाओं को अंजाम दे रहा है. इस गिरोह की संलिप्तता बैंक अधिकारी बन कर ठगी करने में, इनाम जीतने का प्रलोभन देने आदि समेत अन्य जालसाजी में है.
प्रलोभन
यह गिरोह इतना शातिर है कि फर्जी नाम व पते से एकाउंट खुलवाता है. साथ ही यह दूसरे के एकाउंट का भी उपयोग करता है.उसे केवल यह जानकारी देता है कि उसके पास एकाउंट नहीं है, उसके एकाउंट में जब पैसे आये, तो वह उसे दे दें और उसके बदले दो फीसदी कमीशन ले ले. जिसके कारण कई लोग अपने एकाउंट का भी उपयोग करने की इजाजत दे देते है. पुलिस ने जब उन एकाउंट नंबरों की छानबीन की तो पाया कि सभी एकाउंट नंबर फर्जी पते पर लिये गये थे.

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